भारत में डाकघर लगातार आम लोगों के लिए अलग-अलग और आकर्षक योजनाएं निकालता है ताकि आम आदमी अपनी जिंदगी में छोटी-छोटी बचतों के सहारे समय पर काम आ सकने वाली एक बड़ी रकम जमा कर सके। जिसमे छात्रों लेकर युवा, गृहणी से लेकर बुजुर्ग सभी वर्गों के लिए कोई न कोई स्कीम जरूरी होती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डाकघर में बैंक में खाता खुलवाने जितनी कागजी कार्यवाही नहीं करनी पड़ती बल्कि यहां बिना किसी परेशानी के बहुत कम दस्तावेंजो के जरिए आप अपना खाता खुलवा सकते हैं। अपने ग्राहकों को अच्छा रिटर्न देने के लिए पोस्ट ऑफिस की कई स्कीम हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
किसान विकास पत्र, डाकघर की वो स्कीम है जिसमें आप एक निश्चित राशी जमा करते हुए 10 साल बाद उसका दोगुना लेने के हकदार होंगे। कैसे काम करता है ये किसान विकास पत्र, क्या हैं इसकी शर्तें, और क्या है स्कीम की अवधि हम
आपको इस किसान विकास पत्र से जुड़ी हर वो बात बताने जा रहे हैं जो एक निवेशक के लिए जानना बेहद जरूरी होता है। (ये भी पढ़ें- साइबर अपराधियों के फ्रॉड से बचना है तो इन सिंपल 5 स्टेप से लॉक करें अपना आधार कार्ड)
देश का कोई भी राज्य और उस राज्य ऐसा कोई भी शहर या जिला नहीं है जहां डाकघर नहीं हो। जिस किसान विकास पत्र की हम बात कर रहे हैं वो देश के प्रत्येक डाकघर में मौजूद है जिसको आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
डाकघर एक सरकारी संस्थान हैं तो आप बिना किसी सोच विचार के अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई यहां जमा कर सकते हैं। देश के प्रत्येक डाकघर में मिलने वाला किसान विकास पत्र की सुविधा आप बिना किसी परेशानी के हासिल कर सकते हैं।
किसान विकास पत्र पर निवेशक को 6.9 प्रतिशत का ब्याज भी दिया जाता है। किसान विकास पत्र का मैच्योरिटी पिरियड 10 साल और 4 महीने का होता है। अगर आप इसमें निवेश करते हैं तो 10 बात आपकी जमा की हुई राशी दोगुनी हो जाएगी।
किसान विकास पत्र में आपको कम से कम 1000 रुपये निवेश करने होंगे अगर आप इससे ज्यादा निवेश करना चाहते हैं तो कर सकते हैं क्योंकि अधिकतम निवेश के लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है। तो आप जितना निवेश करेंगे दस साल बाद उसका दोगुना ले सकेंगे।