2016 में लॉन्‍च किए गए यूपीआई से पेमेंट करने के आंकड़ो में तेजी से इजाफा हुआ है। कोविड महामारी के दौरान से ही लोगों ने कार्डलेस सिस्‍टम को अपनाया है। पिछले दो सालों में डिजिटल पेमेंट के तहत यूपीआई पेमेंट करने वाले लोगों को सुविधा हुई है। हालांकि इस सुविधा के साथ ही स्‍कैमर्स, फिसिंग करने वालों और फ्रॉडों की संख्‍या भी बढ़ी है।

ठगी करने वाले अपने पैसों को लूटने के लिए अलग-अलग पैंतरे अपना रहे हैं। बैंक में केवाईसी और नए ऑफर्स के नाम पर ठगी करने वाले लोगों से उनके बैंक खाते से जुड़े कुछ जानकारियां मांगते हैं और कुछ ही समय में खाता खाली कर देते हैं। यहां भारत के सबसे बड़े कर्जदाता बैंक स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने कुछ सुझाव दिए हैं, जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने UPI लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए कुछ UPI सुरक्षा टिप्‍स ट्विटर के माध्‍यम से शेयर किए हैं। वीडियो साझा करते समय, SBI ने कहा कि “यूपीआई लेनदेन का उपयोग करते हुए या यूपीआई लेनदेन करते समय इन यूपीआई सेफ्टी टिप्‍स को हमेशा याद रखें। Stay Alert & #SafeWithSBI”

SBI ने सेफ UPI ट्रांजेक्‍शन के लिए शेयर किए टिप्‍स

  • रुपये प्राप्‍त करते समय अपना UPI पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है।
  • हमेशा उस व्यक्ति की पहचान को वेरिफाई करें जिसे आप पैसे भेज रहे हैं।
  • किसी भी अनजान पेमेंट को स्‍वीकार नहीं करना चाहिए।
  • किसी के साथ अपना UPI पिन शेयर नहीं करें।
  • क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करते समय हमेशा लाभार्थी विवरण को सत्यापित करें।
  • नियमित रूप से अपना यूपीआई पिन बदलें।

गौरतलब है कि कोविड के बाद से और 4जी नेटवर्क आने के बादे UPI ट्रांजैक्‍शन में बढ़ोतरी हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी यूपीआई से पेमेंट के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। वित्त मंत्री ने ’20 years of Modi governance’ के पूरे होने पर पुणे में कहा था कि लॉकडाउन के दौरान लोगों ने डिजिटल पेमेंट को अपनाया है और आज इंडिया UPI पेमेंट को लेकर दुनिया का नेतृत्‍व कर रहा है।

बता दें कि नेशनल पमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डाटा के अनुसार, UPI से अगस्‍त माह के दौरान 10.7 ट्रिलियन रुपये का ट्रांजैक्‍सन किया गया है।