देश में हर साल लाखों शादियां होती हैं। अलग-अलग धर्मों की अपनी मान्यताओं के मुताबिक शादी के तरीके होते हैं। आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट क्यों बनाया जाना चाहिए? और इसे बनवाने का तरीका क्या होता है? जब आप अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो आपको एक प्रमाण पत्र दिया जाता है जो आपकी शादी को वेरीफाई करता है। यही मैरिज सर्टिफिकेट कहलाता है, जिसका कई मायनों में काफी महत्व है। 

कैसे बनवा सकते हैं मैरिज सर्टिफिकेट? 

मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने का तरीका बहुत मुश्किल नहीं है। पहले इसका प्रोसेस ऑफलाइन हुआ करता था, लेकिन जबसे यह ऑनलाइन हुआ, काफी आसानी हो गई है। इस तरीके से आप मैरिज सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं। 

-सबसे पहले आप अपने प्रदेश की मैरिज सर्टिफिकेट वेबसाइट पर जाएं। 

उदाहरण के लिए : आप अगर उत्तर प्रदेश से हैं तो आप राज्य की वेबसाइट (https://igrsup.gov.in/igrsup/userMarriageRegistration) पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस ही तरह आप हरियाणा से हैं तो आप प्रदेश की विवाह पंजीकरण वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर कर सकते हैं। या आसानी से आप गूगल सर्च भी कर सकते हैं। आप जब वेबसाइट पर पहुंच जाएं तो विवाह रजिस्ट्रेशन से जुड़ा लिंक दिखाई देगा, उसपर क्लिक कर आगे पढ़ें और मांगी गई जानकारी दें।

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किन Documents की जरूरत पड़ती है?

हर राज्य में मांगे जाने वाले दस्तावेज आमतौर पर एक जैसे ही होते हैं। इसके लिए पति-पत्नी दोनों का जन्म प्रमाण पत्र, 10th की मार्कशीट, दोनों का आधार कार्ड,चार-चार पासपोर्ट साइज फोटो,शादी के कार्ड का फोटो, शादी के वक़्त के दो फोटो चाहिए होगा। दो गवाहों के प्रमाण पत्र भी जमा कराने होंगे। दोनों को सरकारी अधिकारी की मौजूदगी में आवेदन पत्र और विवाह प्रमाण पत्र दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने होंगे। इससे जुड़ी अन्य जानकारी आप वेबसाइट से हासिल कर सकते हैं और आसानी से अपना मैरिज सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं।