Gratuity payment after one year of service: कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार आम नागरिकों को राहत देने के लिए लगातार बड़े फैसले ले रही है। नौकरीपेशा लोगों को राहत देने के लिए मोदी सरकार अब 5 साल के बदले 1 साल में ही ग्रेच्युटी देने की तैयारी कर रही है। गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लेबर लॉ से जुड़े प्रस्तावित नियमों को लेकर संकेत दिए हैं।

इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि लेबर कोड के नए प्रावधानों के जरिए श्रमिकों के हित में बड़ा बदलाव होगा। इससे देश के करोडों श्रमिकों को फायदा होगा। साफ है अगर ऐसा होता है तो ऐसे श्रमिकों को फायदा पहुंचेगा जो पांच साल से पहले नौकरी से निकाले जाते हैं या अपनी मर्जी से नौकरी छोड़ देते हैं।

ग्रेच्युटी सैलरी का वह हिस्सा होता है जो एम्प्लॉयर आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है। मौजूदा पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के सेक्शन 4 (1) के मुताबिक कोई भी एंप्लॉयी लगातार 5 साल तक की जॉब के बाद ग्रेच्युटी का हकदार होता है। अगर कर्मचारी एक ही कंपनी में लगातार 5 साल पूरे कर लेता है तो वह इसका हकदार माना जाता है। भले ही आप अगले ही दिन नौकरी बदल लें, तब भी वह ग्रेच्युटी की पूरी रकम के हकदार होता है।

वित्त मंत्री ने कहा है कि अभी सिर्फ 30 पर्सेंट कर्मचारियों को मिनिमम सैलरी मिल पाती है लेकिन अब आने वाले समय पर सभी सभी कर्मचारियों को यह लाभ दिया जाएगा। कर्मचारियों के स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा इसके लिए सालाना एक बार हेल्थ चेक किया जाएगा।