केंद्र सरकार की ओर से आधार कार्ड की फोटोकॉपी न शेयर करने की एडवाइजरी को वापस ले लिया है। इसके संबंध में स्पष्टीकरण जारी करते हुए सरकार ने इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताया और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा जारी प्रेस रिलीज को वापस ले लिया गया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्यागिकी मंत्रालय ने इस पर बयान जारी करते हुए कहा कि शुक्रवार (27-मई-2022) यूआईडीएआई के बेंगलुरू कार्यालय द्वारा एक प्रेस रिलीज जारी की गई थी। उसे तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है। यह एडवाइजरी फोटोशॉप्ड आधार कार्ड के संबंध में थी। इसका गलत अर्थों में मतलब निकाले जाने के कारण इसे वापस ले लिया गया है। आधार कार्ड धारक सामान्य विवेक के आधार पर सावधानी से आधार कार्ड का प्रयोग जारी रखें। आधार कार्ड आइडेंटिटी ऑथेंटिकेशन इकोसिस्टम में वे सभी फीचर्स मौजूद हैं जो किसी भी यूजर के डाटा को पूरी तरह से सुरक्षित रख सकते हैं।

इससे शुक्रवार को यूआईडीएआई की ओर से जारी प्रेस रिलीज में सभी आधार कार्ड धारकों को लिए एडवाइजरी जारी की गयी थी, जिसमें कहा गया था कि किसी को भी अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी न दें क्योंकि इसका गलत उपयोग हो सकता है। इसके बदले आप मास्क्ड आधार कार्ड (Masked Aadhaar Card) का प्रयोग कर सकते हैं। इसके साथ यूआईडीएआई की ओर कहा गया था कि किसी भी प्राइवेट होटल संचालक और किसी भी निजी संस्थान को आपके आधार कार्ड की फोटोकॉपी लेने की अनुमति नहीं है।

आगे प्रेस रिलीज में कार्ड धारकों को सलाह दी गई थी कि केवल यूआईडीएआई से लाइसेंस प्राप्त निजी संस्थान को अपने आधार कार्ड को कॉपी दें। वहीं, साथ ही यह भी कहा गया कि अगर कोई निजी संस्थान या व्यक्ति बिना लाइसेंस किसी व्यक्ति की आधार कार्ड की कॉपी रखता है तो यह आधार कार्ड एक्ट 2016 का उल्लंधन है।

वहीं, प्रेस रिलीज में कहा गया था कि आधार कार्ड धारक अगर किसी निजी संस्थान या व्यक्ति को अपने आधार कार्ड की कॉपी दे रहे हैं तो इस बात की जांच जरुर कर लें कि उसके पास यूआईडीएआई द्वारा जारी किया लाइसेंस है या नहीं।

क्या होता है Masked Aadhaar Card?

मास्क्ड आधार कार्ड में आपके सामान्य आधार कार्ड की तुलना में 12 अंक की जगह केवल अंतिम चार अंक ही दिखाई देते हैं। इसे आसानी से यूआईडीएआई की वेबसाइट पर जाकर आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।