उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ने के लिए जल्दी ही एक्सप्रेस वे बनकर तैयार हो जाएगी। इस एक्सप्रेस वे के बन जाने से गोरखपुर से सिलीगुड़ी आने और जाने का समय भी लगभग आधा हो जाएगा। इस हाई स्पीड कॉरिडोर की दूरी 519 किलोमीटर प्रस्तावित है। जो इसी साल बनकर तैयार हो जाएगी। इसके निर्माण कार्य के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है। अभी वर्तमान में दोनों शहरों को जोड़ने के लिए कोई सीधी सड़क नहीं है। अभी गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने के लिए 15 घंटे का समय लगता है। लेकिन इस एक्सप्रेस वे के बन जाने के बाद दूरी घटकर 9 घंटे की रह जाएगी।

ये एक्सप्रेस वे गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच में बनाई जाएगी। गोरखपुर के जगदीशपुर से इसकी शुरुआत हो रही है। जो कुशीनगर होते हुए बिहार के गोपालगंज में प्रवेश करगेा। ये एक्सप्रेस वे बिहार के 8 जिलों से होकर जाएगी। पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, मधुबनी, सीतामढी, सौपाल, अररिया और किशनगंज से होकर जाएगी।

भारत माला परियोजना के तहत बनाया जा रहा एक्सप्रेस वे

इस एक्सप्रेस वे के बनने से क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। इस क्षेत्र में वर्तमान परिस्थिति की बात करें तो विकास ना के बराबर है। ऐसे में ये एक्सप्रेस वे विकास की सौगात लेकर आया है। 32 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस एक्सप्रेस वे का निर्माण भारत माला परियोजना के अंतर्गत किया जा रहा है।

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इस एक्सप्रेस वे का अधिकांश हिस्सा बिहार में बनने वाला है। 519 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस वे को उत्तर प्रदेश में 84.3 किमी, बिहार में 416.2 किमी जबकि पश्चिम बंगाल में 18.9 किमी बनाई जा रही है। इस परियाजनो का प्रस्ताव साल 2021 में ही रखा गया था। हालांकि अब इस परियोजना के पूरा होने के बाद इसको असम की राजधानी गुवाहाटी तक आगे बढ़ाई जाएगी।

गंडक नदीं पर बनेगा पुल

इस एक्सप्रेस को बनाने के लिए बिहार के 100 से ज्यादा गांवों के किसानों का खेत अधिग्रहण किया जाएगा। वहीं यूपी के भी 50 से अधिक गांवों से ये एक्सप्रेस वे होकर गुजरेगा। इसको बनाने के लिए गंडक नदी पर दो बड़े पुल बनाए जाएंगे। जिसका कुछ हिस्सा यूपी और कुछ बिहार में बनाया जाएगा।