अगर आप एक टैक्सपेयर हैं और डेबिट कार्ड से ज्यादा लेनदेन करते हैं। साथ ही नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश करते हैं तो बहुत सारी चीजें सितंबर से बदलने वाले हैं, जिसका असर सीधा आपकी जेब पर होगा। यहां कुछ फाइनेंश से जुड़े परिवर्तन के बारे में बताया गया है।
रिटर्न वेरिफाई करने के लिए 30 दिन का समय
अगर आपने आईटीआर फाइल कर दी है, लेकिन रिटर्न को वेरिफाई नहीं किया है तो 30 दिनों के अंदर ITR वेरिफाई करना होगा। यानी अगर आपने 4 अगस्त को आईटीआर फाइल किया है तो आपको 7 सितंबर से पहले आईटीआर वेरिफाई करना होगा। पहले यह 120 दिनों के लिए था और आयकर विभाग की ओर से इसे घटाकर 30 दिन कर दिया गया है। टैक्स रिटर्न वेरिफाई करता है कि आईटीआर के तहत दी गई जानकारी बिल्कुल सही है।
वेरिफिकेशन के बिना आईटी डिपॉर्टमेंट की ओर से फंड जारी नहीं किया जाता है। वेरिफिकेशन कराने में जितनी ही देरी होती है, आपके बैंक खाते में रकम ट्रांसफर होने में उतना ही समय लगता है। अगर आईटीआर के तहत वेरिफाई नहीं किया जाता है तो आपका आईटीर फाइल नहीं माना जाएगा और इसे खारिज भी किया जा सकता है।
इसके अलावा अगर रिटर्न वेरिफाई करने का समय एक्सपायर हो जाता है तो आपको पेनाल्टी देकर ही फाइल किया जा सकता है। आधार कार्ड, नेटबैंकिंग या अन्य चीजों को उपयोग कर आप वेरिफाई कर सकते हैं।
टोकनाइज कार्ड और सुरक्षा
सितंबर में, सुरक्षित लेनदेन के लिए टोकन के साथ ऑनलाइन, पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) और इन-ऐप लेनदेन में उपयोग किए जाने वाले सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड डेटा को बदलना होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आदेश के अनुसार, टोकन नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा। इसके तहत, सभी व्यापारी वेबसाइटों को ऑनलाइन लेनदेन की प्रक्रिया के लिए आपके कार्ड नंबर, CVV या समाप्ति तिथि को अपने सर्वर पर सेव करने से रोक दिया जाएगा। अगर व्यापारी अपने भुगतान गेटवे पृष्ठ पर सुविधा प्रदान करता है तो कार्ड उपयोगकर्ताओं को अब एक टोकन सेव करना चाहिए और उस टोकन को विशेष वेबसाइट (भविष्य में उपयोग के लिए) पर सेव करके रखना चाहिए। वेबसाइट पर टोकन आपके कार्ड के मास्क डाटा के रूप में काम करता है, इसलिए कोई भी मिसयूज भी नहीं कर सकता है।
National Pension System फीस बढ़ोतरी
नेंशलन पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में योगदान करने के दौरान, अगर यूनिटों को रद्द किया जाता है तो एक कमीशन काट लिया जाता है। 1 सितंबर से एनपीएस के तहत डायरेक्ट-रेमिट मोड के माध्यम से किए गए योगदान पर ट्रेल कमीशन को योगदान राशि के मौजूदा 0.10 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.20 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इस बढ़ोतरी के कारण 15 से 10,000 रुपए ट्रेल कमीशन के रूप में काटे जाएंगे।
मान लीजिए अगर 1 सितंबर को आप एनपीएस में डायरेक्ट-रेमिट मोड के तहत 50,000 रुपए का निवेश करते हैं, यानी सुबह 9.30 बजे से पहले, तो 5,000 रुपए के बजाय 10,000 रुपए का कमीशन काट लिया जाएगा। ये कमीशन बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों या अन्य वित्तीय संस्थाओं जैसे उपस्थिति के बिंदु पर दिए जाएंगे जो आपको एनपीएस में निवेश करने में मदद करते हैं।
डेबिट कार्ड जारी करने और वार्षिक शुल्क पर चार्ज में बढ़ोतरी
सितंबर से कई बैंकों ने डेबिट कार्ड पर वार्षिक शुल्क और जारी करने की फीस में बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह कार्ड और अन्य इनपुट में उपयोग किए जाने वाले सेमीकंडक्टर चिप्स की लागत में बढ़ोतरी के कारण ऐसा हुआ है।
इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने 6 सितंबर से प्रभावी डेबिट कार्ड के कई प्रकारों के लिए शुल्क बढ़ा दिया है। IOB से Rupay क्लासिक डेबिट कार्ड जारी करने का शुल्क 50 रुपए था और दूसरे वर्ष से वार्षिक शुल्क 150 रुपए था। निर्गम शुल्क और वार्षिक शुल्क दूसरे वर्ष से बढ़कर क्रमशः 150 रुपए और 250 रुपए हो जाएगा।
इसी तरह से यस बैंक रूपे डेबिट कार्ड (सिर्फ किसान के लिए) और एलिमेंट डेबिट कार्ड क्रमशः 149 रुपए और 299 रुपए बढ़ा कर दिया है। इससे पहले, यस बैंक इन कार्डों के लिए क्रमशः 99 रुपए और 249 रुपए सालाना चार्ज कर रहा था। वहीं अन्य बैंक ने इंश्योरेंस चार्ज और वार्षिक चार्ज ने चार्ज बढ़ाए है , जिसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और सुर्योदय फाइनेंस बैंक भी शामिल हैं।
अटल पेंशन योजना
10 से 40 साल के उम्र के टैक्सपेयर्स, जो अटल पेंशन योजना में निवेश करना चाहता है, वह 30 सितंबर से निवेश नहीं कर पाएगा। यह पेंशन योजना पीएफआरडी की ओर से मैनेज किया जाता है और इसमें 1000 से लेकर 5000 रुपए तक का हर महीने गारंटीड पेंशन लाभ दिया जाता है।