EPFO Rules: कोरोना संकट के बीच कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है। कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने महामारी के डर से खुद ही नौकरी छोड़ दी है। संकट की इस घड़ी में ऐसे लोगों के पास प्रोविडेंट फंड से निकासी का विकल्प मौजूद है। इस फंड की शुरुआत ही इसी मकसद से की गई थी। नौकरी न रहने और आर्थिक जरूरत को पूरा करने का कोई विकल्प न हो तो इस फंड को निकाला जा सके।

पीएफ को लेकर अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या वे नौकरी जाने पर तुरंत पीएफ की 75 फीसदी रकम की निकासी कर सकते हैं या नहीं? कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के नियमों के मुताबिक ईपीएफओ सदस्य जिसका पीएफ कटता रहा हो अगर उसकी नौकरी चली जाती है तो वह 1 माह के बाद पीएफ अकाउंट से 75 फीसदी पैसा निकाल सकता है।

वहीं नियमों के मुताबिक 25 फीसदी की बची हुई रकम की भी निकासी की जा सकती है। इसके लिए शख्स को 2 महीने बाद अप्लाई करना होता है। इससे पहले वह अप्लाई नहीं कर सकता। वहीं अगर आप अपने पीएफ की रकम का एक रुपया भी नहीं निकालते हैं तो अगली नौकरी से जुड़ने पर आपका और आपके इम्पलॉयर (कंपनी) का कंट्रीब्यूशन फिर से चालू हो जाएगा।

खाताधारक को निकासी के लिए आवेदन करते हुए क्लेम फॉर्म, दो राजस्व स्टाम्प, एड्रेस प्रूफ, आईडेंटिटी प्रूफ, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट और पिता का नाम, जन्मतिथि की जानकारी देनी होती है। इसके साथ ही एक कैंसल ब्लैंक चेक भी अटैच करना होता है।