PF withdrawal claims under covid-19: कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते सरकार ने भविष्य निधि यानी पीएफ से एडवांस निकासी के लिए नियमों में ढील दी है। कामकाज ठप होने के चलते कई कंपनियों के कर्मचारियों की सैलरी और नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में वे कर्मचारी जिनकी सैलरी 15 हजार से कम है सरकार ने उन्हें कोविड-19 के तहत एडवांस पीएफ निकासी की छूट दी है।
सरकार के मुताबिक वे कर्मचारी देशभर में कहीं भी संस्थानों और फैक्ट्रियों में काम कर रहे हैं और जो ईपीएफ स्कीम, 1952 के सदस्य हैं इस नॉन-रिफंडेबल एडवांस का फायदा ले सकते हैं। कर्मचारी अपने पीएफ खाते में जमा राशि का 75 पर्सेंट या अधिकतम तीन महीने की सैलरी निकाल सकते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के मुताबिक कोविड-19 के तहत अबतक 7.40 लाख लोगों को पीएफ एडवांस में जारी कर दिया गया है। कई लोगों ने पीएफ के लिए अप्लाई किया है लेकिन उन्हें अबतक पैसा ट्रांसफर नहीं किया गया है। कई लोग इस बारे में सोशल मीडिया पर शिकायत भी कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ईपीएफओ ने पीएफ निकासी के लिए कुछ शर्तें रखी हैं जिन्हें पूरा करने के बाद ही पीएफ का पैसा ट्रांसफर किया जाएगा।
दरअसल ऑनलाइन आवेदन किए गए सभी दावे ईपीएफओ के नेशल डेटा सेंटर में जाते हैं और वहां से प्रॉसेस हो रहे हैं। हालांकि किसी भी विसंगति के मामले में आवेदक के क्लेम को क्षेत्रीय कार्यालयों में भेजा जाता है। ज्यादातर मामलों में देरी या फिर रिजेक्ट इस वजह से होता है क्योंकि आवेदन के दौरान कर्मचारियों द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेज सही नहीं होते।
इसके अलावा चेक बुक या पासबुक की खराब स्कैनिंग, बैंक खाते की गलत जानकारी, खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना इसके अलावा बैंक के ज्यादा समय लेने के चलते भी कर्मचारियों का पीएएफ क्लेम खारिज होता है इसमें देरी होती है।