EPF and NPS: सभी के मन में कहीं ने कहीं ये सवाल जरूर होता है कि हम अपना पैसा कहां लगाए कि वह सुरक्षित भी रहे और ज्यादा से ज्यादा फायदा भी मिले। हमारी छोटी-छोटी सेविंग हमारी भविष्य को मजबूत करती है। कई लोगों के मन में सवाल उठते हैं कि वह कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में से किसमें पैसा लगाएं। लोगों में इस बात को लेकर भी बेहद कन्फ्यूजन रहता है कि दोनों में से कौन ज्यादा बेहतर है। आज हम आपको इन दोनों के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दे रहे हैं जिनसे आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि कौन आपके लिए बेहतर है।

ईपीएफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की प्रमुख योजना है। ईपीएफओ या कर्मचारी भविष्य निधि में व्यक्ति के वेतन का कुछ हिस्सा योगदान के रूप में जमा होता है। वहीं एनपीएस एक पेंशन सह निवेश योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को वृ‍द्धावस्‍था सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है।

ईपीएफ के सदस्यों को 8.65 फीसदी (लागू होना बाकी) की दर से ब्याज मिलेगा जो कि मौजूदा समय में 8.55 प्रतिशत है। एक कर्मचारी ईपीएफ के लिए अपने वेतन का 12 प्रतिशत योगदान देता है, जबकि एक नियोक्ता यानी कंपनी अन्य 12 प्रतिशत का भुगतान करता है, जिसमें से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी की पेंशन योजना (ईपीएस) में निवेश किया जाता है। ईपीएफ के लिए अधिकमत वेतन सीमा 15000 रुपए है। बात करें एनपीएस की तो यह एक स्वैच्छिक योजना है। इसमें कर्मचारी अपनी मर्जी से जुड़ सकते हैं। इसमें कर्मचारियों का सैलरी से न्यूनतम योगदान 10 फीसदी होता है जबकि सरकार का योगदान 14 फीसदी होता है।

कितनी सुरक्षित: एनपीएस में रिटर्न की व्यवस्था मार्केट से जुड़ी होती है इसलिए यहां कोई भी ‘गारंटी’ नहीं दी जाती। अगर इक्विटी मार्केट बेहतर नहीं होती तो इसका सीधा असर एनपीएस पर पड़ता है। वहीं ईपीएफ में रिस्क फैक्टर न के बराबर है। इसमें सरकार की तरफ से रिटर्न सुनिश्चित किया जाता है। ईपीएफ में पैसा डूबने की आशंका न के बराबर है।

रिटर्न: ईपीएफ पर कर्मचारियों को 8.68 प्रतिशत (लागू होना बाकी) का ब्याज मिलेगा। सरकार मौजूदा समय में इसपर 8.55 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रही है। वहीं एनपीएस के केस में रिटर्न इक्विटी और ऋण बाजार पर निर्भर करता है। यानि को आपको निवेश के पैसे पर कितना फायदा मिलेगा एनपीएस में यह मार्केट पर निर्भर करता है।

टैक्स व्यवस्था: एनपीएस में 50 हजार रुपए तक का निवेश कर इनक्म टैक्स एक्ट की धारा 80CC(1B) के तहत अतिरिक्त टैक्स बचत का फायदा उठाया जा सकता है। हालांकि यहां ये बात ध्यान रखने वाली है कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी, 80सीसीसी और धारा 80सीसीडी के तहत कटौती 1.5 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। एनपीएस में 50 हजार रुपए तक का निवेश कर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80CC(1B)के तहत अतिरिक्त टैक्स बचत का फायदा उठाया जा सकता है। हालांकि यहां ये बात ध्यान रखने वाली है कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी, 80सीसीसी और धारा 80सीसीडी के तहत कटौती 1.5 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। वहीं ईपीएफ में इनकम टैक्स (Income Tax ) कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्‍स छूट मिलती है।