देश के पहले रैपिड रेल दिल्‍ली से मेरठ के बीच में चलाए जाने का सपना जल्‍द ही पूरा हो होने वाला है। इसके 82 किमी- सरायकाले खां से मोदीपुरम तक कार्य शुरू हो चुका है। जबकि 40 किमी में एलिवेटेड और 17 किलोमीटर में वायडक्‍ट तैयार हो चुके हैं। वहीं अब सात मई 2022 को आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय के सचिव की उपस्थिति में एक समारोह के दौरान NCRTC को रैपिड रेल का ट्रेनसेट सौंपा जाएगा।

मेक इन इंडिया के तहत इस अत्याधुनिक ट्रेन सेटों का निर्माण गुजरात के सावली में एल्सटॉम कंपनी के कारखाने में हो रहा है। एल्स्टॉम की ओर से इन ट्रेनों को एनसीआरटीसी को सौंपने के बाद, तेजी से गाजियाबाद में तैयार किए जा रहे दुहाई डिपो में ट्रॉयल किया जाएगा। इस डिपो में इन ट्रेनों के संचालन और रखरखाव को लेकर वे सभी सुविधाएं दी जाएंगी, जिसकी आवश्‍यकता होगी।

समारोह के दौरान सौंपी जाएगी चाबी
इन ट्रेनों को सौंपने के लिए शनिवार को समारोह का आयोजन हाईस्‍पीड ट्रेन का निर्माण करने वाली कंपनी की ओर से किया जा रहा है। इस समारोह के दौरान ही आरआरटीएस ट्रेनों की चाबियां NCRTC को सौंपी जाएंगी।

भारत की सबसे तेज ट्रेन होगी
भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेनों की कम्यूटर-केंद्रित सुविधाओं के साथ इंटीरियर का 16 मार्च, 2022 को दुहाई डिपो, गाजियाबाद में अनावरण किया गया है। ये आरआरटीएस ट्रेनें 180 किमी/घंटा की अधिकत्तम गति, 160 किमी/घंटा की परिचालन गति और 100 किमी/घंटा की औसत गति के साथ भारत में सबसे तेज ट्रेनें होंगी।

RRTS ट्रेन में सुविधाएं और खासियत
र्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन किए गए इस ट्रेन में 2×2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, स्टैंडिंग स्पेस, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरा, लैपटॉप / मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप्स, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) समेत कई सुविधाएं यात्रियों को दी जाएंगी। इसके अलावा इसमें महिला यात्रियों के लिए एक रिजर्व कोच और प्रीमियम वर्ग के लिए एक कोच दिया जाएगा।

पहले 210 ट्रेनसेटों की होगी डिलीवरी
सावली में तैयार किए जा रहे ट्रेनसेटों में पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 ट्रेन सेटों की डिलीवरी की जाएगी। इसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय पारगमन सेवाओं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं।

कब तक पूरी तरह चलने लगेगी ट्रेन
आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण कार्य जोरों पर चलाया जा रहा है। ट्रेन सेटों के हैंडओवर होने के बाद इस साल के अंत तक प्रायोरिटी सेक्शन पर शुरुआती ट्रायल रन शुरू होने की उम्मीद है। पहले साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के लिए 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्‍य रखा गया है।