दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों ने शनिवार को जानकारी दी कि, 6 जून से नगर निकाय को भुगतान चेक और डीडी से पेमेंट करने के नियम में कुछ बदलाव किया गया है। अगर आप भी इन माध्यमों से पेमेंट करते हैं तो आपको इस बदले हुए नियम के बारे में जरूर जानना चाहिए।
दिल्ली के तीन नगर निगमों को 22 मई को आईएएस अधिकारी अश्विनी कुमार नए नागरिक निकाय के विशेष अधिकारी और ज्ञानेश भारती ने आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। एमसीडी अधिकारी ने कहा कि पूर्व के तीन नगर निगमों के आयुक्तों के नाम जमा किए गए चेक या डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) पहले स्वीकार किए जा रहे थे, लेकिन ये खाते केवल 5 जून तक ही एक्टिव रहेंगे, ताकि तीसरे पक्ष की एजेंसियों द्वारा संसाधित ऑनलाइन भुगतान या पाइपलाइन में किसी भी चेक को प्राप्त किया जा सके और पुराने बैंक खातों में जमा किया जा सके।
क्या हुआ बदलाव
शनिवार को एक बयान में एमसीडी ने कहा कि भुगतान से संबंधित चेक या डिमांड ड्राफ्ट केवल एमसीडी के आयुक्त के नाम पर जमा किया जाएगा। लेकिन अगर किसी और के नाम पर चेक या डीडी का भुगतान किया जाता है तो एमसीडी इसे स्वीकार नहीं करेगी।
एमसीडी को तीन भागों में बांटा गया
गौरतलब है कि 2012 में मुख्यमंत्री के रूप में शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान एमसीडी को तीन भागों में विभाजित किया गया था। अब यह तीन नगर निकायों उत्तर, दक्षिण और पूर्व नगर निगमों या एनडीएमसी, एसडीएमसी और ईडीएमसी को मिलाकर फिर से एक हो गया है।
एमसीडी ने पेमेंट संबंधी क्या कहा
तत्कालीन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की पेरोल प्रणाली को फिर से एकीकृत एमसीडी के अन्य क्षेत्रों में विस्तारित किया जाना है। ऐसे में एमसीडी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने वित्त विभाग को विभिन्न विभागों के “नए बैंक खाते” और पेमेंट गेटवे खोलने का निर्देश दिया है। मसीडी आयुक्त की मंजूरी से हर पेमेंट गेट वे के लिए बैंक खाते खोले गए हैं और इसकी सूचना आईटी विभाग को इंटीग्रेशन के लिए दे दी गई है।