कोरोना वायरस महामारी का लगभग पूरी दुनिया पर असर है। महामारी के चलते भारत में भी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। कई कंपनियों के रेवन्यू में भारी गिरावट दर्ज की गई है। कामकाज ठप पड़ने के चलते कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। ऐसे में किसी भी कर्मचारी के लिए जॉब इंश्योरेंस करवाना बेहद जरूरी हो जाता है। अक्सर हम लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस आदि करवाते देखते हैं लेकिन लोग जॉब इंश्योरेंस करवाने में पीछे रहते हैं।
अगर आपको लगता है कि आपकी नौकरी पर तलवार लटक रही है तो जॉब इंश्योरेंस आपको वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ मुश्किल समय में पैसे की किल्लत नहीं होने देगा। पैसों की किल्लत इसलिए नहीं होगी क्योंकि इसके जरिए नौकरी खोने वाले व्यक्ति को कवर की रकम दी जाती है। इंश्योरेंस कंपनियां यह कवर नौकरी जाने या अस्थाई तौर से निलंबन पर मुहैया करवाती हैं।
इसके अलावा कंपनिया यह कवर तब भी मुहैया करवाती हैं जब गंभीर बीमारी या दुर्घटना के वजह से नौकरीपेशा शख्स जॉब करने में असमर्थ होता है। यह कवर पूरी या स्थाई तौर पर दिव्यांग होने की परिस्थिति में दिया जाता है। जॉब इंश्योरेंस कंपनियां नौकरी जाने पर पॉलिसीधारक द्वारा ईएमआई पर ली गई तीन सबसे बड़ी सेवाओं का भुगतान करती है। सैलरी के तौर पर इनकम और रिजस्टर्ड कंपनिया के साथ काम करने वाले नौकरीपेशा लोग इस पॉलिसी में निवेश कर सकते हैं।
पॉलिसीधारक नौकरी से निकाले जाने पर प्रमाण पत्र के साथ बीमा कंपनी को सूचित कर क्लेम हासिल कर सकता है। इसके बाद बीमा कंपनी आपकी तरफ से किए गए क्लेम की पड़ताल करती है अगर आवेदन सही पाया जाता है तो आपको बीमा कवर मुहैया करवाया जाता है।

