Power companies told to ensure uninterrupted supply: खतरनाक कोरोना वायरस के संकट और लॉकडाउन के बीच देश की 100 करोड़ से ज्यादा की आबादी घरों में बंद है। देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू किया गया है। केंद्र सरकार लोगों को राहत देने वाले फैसले ले रही है। इसी कड़ी में लोगों को 24 घंटे बिजली मिले इसके लिए विद्युत मंत्रालय ने बिजली वितरण कंपनियों को भुगतान मानदंडों में ढील दी है। मंत्रालय ने एनटीपीसी और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL) से कहा है कि वे बिजली वितरण कंपनियां जिनपर बकाया है उनसे फिलहाल पेमेंट न ली जाए।

वहीं मीडिया में जारी खबरों के मुताबिक केंद्र ने लोगों को 24 घंटे बिजली मिले इसके लिए निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही वायरस के संक्रमण के चलते बिलों के लेट भुगतान पर लगने वाले लेट फीस चार्ज को नहीं लिया जाएगा। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन बिजली वितरण कंपनियों से लेट सरचार्ज नहीं वसूलेगी।

ऐसे में बिजली वितरण कंपनियां ग्राहकों से लेट बिल भुगतान पर कोई सरचार्ज नहीं लेगी। बिजली की निरंतर-आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये वितरण कंपनियों को उत्पाक कंपनियों के भुगातान में तीन माह की मोहलत देने समेत उनकी मदद करने के लिए कई कदम उठाये है। वितरण कंपनियों द्वारा बिजली खरीद के लिए अनिवार्य भुगतान सुरक्षा राशि घटाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते बिजली मीटर रीडिंग और उपभोक्ताओं से बिल पेमेंट रिसीव करने में बिजली वितरण कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वायरस के चलते रेलवे ने सभी यात्री ट्रेनों को कैंसल किया हुआ है, औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्र में बिजली की खपत बेहद कम है जिसके चलते बिजली वितरण कंपनियों के रेवन्यू में कमी देखने को मिलेगी।