क्या आपने कभी सोचा है कि एक व्यक्ति के नाम से दो राशन कार्ड (Ration Card) हो सकते हैं और वह दो जगहों पर अनाज उठा सकता है? क्या ऐसा संभव है? नहीं। ऐसा इसलिए, क्योंकि मौजूदा व्यवस्था में राशन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया इस चीज को पकड़ लेती है।

दरअसल, स्थानीय केंद्र पर जब राशन कार्ड के लिए आवेदन जाता है, तब वहां सॉफ्टवेयर में फीड जानकारी से डेटा क्रॉसचेक होता है। इस दौरान यह भी पता चल जाता है कि उस लाभार्थी के आधार पर पहले से तो कहीं राशन कार्ड नहीं अलॉट है। अगर इस प्रक्रिया में ऐसा पाया जाता है, तो आवेदन रद्द कर दिया जाता है।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर के डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर (डीएसओ) चमन शर्मा ने जनसत्ता डॉट काम को दी। उन्होंने फोन पर बताया, “मौजूदा समय में दो राशन कार्ड एक नाम से होने का सवाल ही नहीं है। सेंटर पर जब राशन कार्ड का आवेदन आता है, तो उसमें आधार संख्या भी होती है। वेरिफिकेशन प्रोसेस के दौरान चेक किया जाता है कि कहीं वह आधार नंबर पहले से तो फीड नहीं है। अगर फीड होता है, तब वह आवेदन स्वीकार नहीं किया जाता है।”

बकौल शर्मा, “राशन कार्ड लाभार्थयों को पोर्टेबिलिटी की सुविधा मिलती है। मतलब एक सूबे का व्यक्ति दूसरे राज्य में अनाज पा सकता है। हालांकि, उसे इस स्थिति में सिर्फ केंद्रीय योजना (पीडीएस सिस्टम) के तहत ही अनाज का लाभ मिलेगा। उदाहरण के तौर पर यूपी का कोई शख्स बिहार चला जाता है, तब उसे केंद्र के तहत मिलने वाला अनाज तो मिलेगा मगर वह राज्य के तहत दिए जाने वाले राशन का हकदार नहीं होगा। यह वाला अनाज सिर्फ सूबे के लोगों के लिए रहेगा।”

वह आगे बोले, “मान लें कि कोई गोंडा से नोएडा आता है और वह अब यहीं पर राशन लेने लगता है। तब वह बाकी जगह राशन नहीं ले सकता।” इसे और सरल तरीके से समझें तो एक राशन कार्ड पर दो जगह राशन नहीं लिया जा सकता है। उनके मुताबिक, “राशन कार्ड बनवाने के लिए आय प्रमाण पत्र भी जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति इसमें अपनी असल आय से अलग जानकारी देता है, तब भी इस प्रक्रिया के दौरान सॉफ्टवेयर ऐप्लीकेशन को स्वीकार नहीं करेगा।”