रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रेपो दर को 4% पर अपरिवर्तित रखने के बाद SBI ने MCLR में 10 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी। उससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी एमसीएलआर में इजाफा किया था। इन दोनों बैंकों के बाद कोटक और एक्सिस जैसे प्रमुख बैंकों ने भी MCLR में 5-10 आधार अंक की बढ़ोतरी की है। जिससे इसका सीधा मतलब है कि कार, पर्सनल या होम के लिए चुकाई जाने वाली ईएमआई अधिक होने वाली है। इसका आपकी समान मासिक किश्तों (ईएमआई) पर प्रभाव पड़ेगा।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, जो देश के सबसे बड़े ऋणदाताओं में से एक है, ने 2019 के बाद से तीन वर्षों में पहली बार अपने एमसीएलआर में 10 आधार अंकों की बढ़ोतरी की, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक और कोटक बैंक जैसे ऋणदाताओं ने 5 आधार अंक बढ़ाए हैं। वहीं उम्मीद की जा रही है कि कुछ और बैंक भी एमसीएलआर में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
लोन पर कितना MCLR लागू
एसबीआई 15 अप्रैल से MCLR, 6.75-7.40% से संशोधित है, जबकि एक्सिस बैंक का एमसीएलआर 7.20-7.55% है, जो 18 अप्रैल से प्रभावी है। कोटक बैंक का एमसीएलआर 6.65-7.90% है और यह 16 अप्रैल से लागू हुआ है। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा का MCLR 12 अप्रैल से 6.50-7.35% है। इसका मतलब है कि अब बैंक से लोन लेने पर आपको इसी आधार पर तय की गई ईएमआई की किस्त जमा करनी होगी।
इन्हें होगा लाभ
विश्लेषकों के अनुसार, उत्पाद खंडों के बीच, खुदरा कर्ज, एमएसएमई , बड़े उद्योगों के क्रेडिट का क्रमशः 46% , 69%, 20.4%, ईबीआर से जुड़ा हुआ है और जब रेपो दर में बदलाव किया जाएगा तो इसका फिर से मुल्यांकन होगा। ऐसे में बड़े उद्योगों, वाहनों और व्यक्तिगत, आकस्मिक, गोल्ड लोन लेने वालों को MCLR में संशोधन करने वाले बैंकों की हालिया घोषणा के साथ लाभ दिखाई देगा। विश्लेषकों का कहना है कि पीएसयू बैंकों के 60 फीसदी से ज्यादा फ्लोटिंग रेट वाले कर्ज अभी भी एमसीएलआर से जुड़े हुए हैं।