7th Pay Commission: न्यू वेज कोड लागू होने की एक बार फिर चर्चा जोरो से शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि, सरकार अगले फाइनेंशियल ईयर में नया श्रम कानून लागू कर सकती है। जिससे पहले सरकार इन कानूनों का लागू करने से पहले ज्यादा व्यवहारिक बनाना चाहती है। ताकि लागू होने के बाद कोई दिक्कत न आए। आइए जानते हैं कि, इन कानून के लागू होने के बाद आप पर क्या असर होगा।

क्या सैलरी स्ट्रक्चर में होगा बदलाव? नए श्रम कानून के लागू होने से नौकरीपेशा लोगों के सैलरी स्ट्रक्चर पर बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में कमी आ सकती है। इसके अलावा काम के घंटे, ओवरटाइम, ब्रेक टाइम जैसी चीजों को लेकर भी नए लेबर कोड में प्रावधान किए गए हैं।

कैसा होगा नया वेज कोड? सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 वेज कोड तैयार किए हैं। इसके साथ ही संसद ने अगस्त 2019 में तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया। ये नियम सितंबर 2020 में पास कर दिए गए थे।

ये चार कोड हैं
1- कोड ऑन वेजेज
2- इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड
3- ऑक्‍यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ (OSH)
4- सोशल सिक्‍योरिटी कोड

कब लागू होंगे चारों वेज कोड- जानकारो के अनुसार ये सभी कोड एक साथ लागू किए जाएंगे। वेज कोड एक्ट 2019 के अनुसार, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत के 50 परसेंस से कम नहीं हो सकती। अभी तक कई कंपनियां बेसिक सैलरी काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती है ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े।

शिफ्ट से ज्यादा काम करने पर मिलेगा ओवरटाइम – नए ड्राफ्ट के अनुसार 15 से 30 मिनट के बीच अतिरिक्त काम करने पर 30 मिनट मानकर ओवरटाइम दिया जाएगा। मौजूदा समय में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता। ड्राफ्ट के नियम के अनुसार किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम नहीं कराया जा सकेगा। हर पांच घंटे के बाद उसको 30 मिनट का ब्रेक देना अनिवार्य होगा।

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सैलरी स्ट्रक्चर में होगा ये बदलाव – नए वेज कोड एक्ट लागू होने के बाद कर्मचारियों का सैलरी सट्रक्चर बदल जाएगा। कर्मचारी की टेक होम सैलरी घट जाएगी। क्योंकि बेसिक पेय बढ़ने से कर्मचारियों का पीएफ ज्यादा कटेगा यानी उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित होगा। वहीं पीएम के साथ-साथ ग्रैच्युटी में भी योगदान बढ़ जाएगा।