केंद्र सरकार के रिटायर्ड कर्मचारी अब अपने पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को ‘डिजिलॉकर’ में रख सकेंगे। केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों को पीपीओ की ऑरिजनल प्रति के न होने पर पर इसकी ई-प्रति को मान्य कर दिया है। रिटायर होने वाले कर्मचारियों को तभी पेंशन मिलती है जब सरकार की ओर से इस नंबर को जारी किया जाता है।
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने यह पाया कि कई पेंशभोगियों ने समय के साथ-साथ अपनी पीपीओ की मूल प्रति को खो दिया है जिसके बाद उन्हें पेंशन से जुड़े कार्यों को करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कोरोना संकट में रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी पीपीओ की मूल प्रति पाने में परेशानी और देरी हुई थी। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार के इस फैसले से रिटायर होने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ा फायदा पहुंचने जा रहा है।
मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पर्फोमेंस के आधार पर लिया ये फैसला
लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने एक बयान में कहा हैकि अब पेंशनभोगियों को पीपीओ की फिजिकल कॉपी देने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। इलेक्ट्रॉनिक पेंशन भुगतान आदेश (ई-पीपीओ) को डिजीलॉकर के साथ एकीकृत करने का फैसला लिया गया है।
इससे पहले पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) टियर-II सेवर स्कीम के लिए ऑपरेशनल गाइडलान्स जारी कर दी हैं। गाइडलाइंस में कहा गया है कि केंद्र सरकार का कोई भी कर्मचारी जो कि एनपीएस में कंट्रीब्यूट करता है वह इस योजना के तहत अतिरिक्त पेंशन अकाउंट खुलवा सकता है।
इसके जरिए वह रिटायरमेंट के बाद ज्यादा पेंशन का लाभ ले सकता है। इस तरह केंद्रीय कर्मचारियों के पास अब एक साथ इस योजना के तहत तीन अकाउंट को ऑपरेट कर सकते हैं। पहला टियर-I अकाउंट जो कि अनिवार्य है यह पेंशन अकाउंट होता है, दूसरा टियर-II जिसमें निकासी पर कोई प्रतिबंध नहीं है और कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता।