कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों के प्रमोशन पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। होम डिपार्टमेंट ने पुलिसकर्मियों के प्रमोशन से जुड़ी फाइल को पुलिस हेडक्वाटर (पीएचक्यू) में वापस भेज दिया है। सरकार के इस फैसले से करीब 70,000 पुलिसकर्मियों का प्रमोशन फिलहाल नहीं होगी। हालांकि पुलिसकर्मियों के वेतन में बढ़ोत्तरी तो होती रही है लेकिन 2016 के बाद से प्रमोशन नहीं हो सके हैं।
सरकार के इस फैसले का असर उन कर्मियों पर पड़ेगा जो जिनकी रिटायरमेंट की डेट नजदीक है। अगर वह रिटायरमेंट से पहले प्रमोशन पा लेंगे तो उनके वेतन में यानी पे स्केल में बदलाव हो सकता है। कमलनाथ सरकार के गिरने और नई भाजपा सरकार के गठन के बाद, राज्य के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पीएचक्यू अधिकारियों के साथ बैठक की था। बैठक में, अधिकारियों ने प्रमोशन का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था।
इसके बाद अधिकारियों ने प्रस्ताव तैयार किया और होम डिपार्टमेंट को भेजा। डिपार्टमें ने इसे लॉ एंड लीगल अफेयर डिपार्टमेंट में भेज दिया। एक महीना बीत चुका है और अब लॉ एंड लीगल अफेयर डिपार्टमेंट गृह विभाग और पीएचक्यू को फाइल लौटा दी है। कहा जा रहा है कि अगर पुलिस विभाग में प्रमोशन होता है तो अन्य विभाग भी इसकी मांग करेंगे।
ऐसे में कोरोना संकट के बीच इस मामले पर कोई फैसला लेना फिलहाल संभव नहीं। आम तौर पर, कांस्टेबल को 8 साल तक सेवा देने के बाद हेड कांस्टेबल के रूप में पदोन्नत किया जाता है। इसी तरह, कुछ वर्षों की सेवाओं के बाद, हेड कांस्टेबल सहायक उप निरीक्षक बन जाते हैं और बाद में निरीक्षक बन जाते हैं।