खराब जीवनशैली और खान-पान में लापरवाही के कारण युवा और बुजुर्ग तेजी से डायबिटीज का शिकार होते जा रहे हैं। डायबिटीज का कोई पुख्ता इलाज भी नहीं होता है। इसलिए डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए आपको रोज़ाना अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करने होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है, डायबिटीज टाइप-2 युवाओं में बहुत तेजी से फैल रही है। क्योंकि तनाव अब जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है और रोज़ाना ऐसी ही दिनचर्या से गुजरना और भी खतरनाक साबित होता है।

कई बार डायबिटीज का शिकार होने के बाद भी मरीज को पता नहीं चल पाता है। क्योंकि ये सब पहली बार होता है, लेकिन कुछ कॉमन लक्षण हैं, जो किसी को भी नज़र आने के बाद बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। इसमें सुस्ती और आंखों में धुंधलापन को बिल्कुल कॉमन लक्षण माना जाता है, जिसे महसूस होने के साथ ही कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

चलिए आज आपको टाइप-2 डायबिटीज के अन्य लक्षण भी बताते हैं- 1.ज्यादा यूरिन आना, 2. हाथ और पैरों में झनझनाहट और सुन्न हो जाना, 3. घाव का जल्दी न भरना, 4. बिना किसी प्रयास के वजन का तेजी से अचानक गिरना, 5. गला बार-बार सूखना भी टाइप 2 डायबिटीज के मुख्य लक्षण हैं। अगर ऐसा किसी के साथ भी होता है तो तुरंत इसकी जांच करवानी चाहिए।

टाइप-2 डायबिटीज कंट्रोल करने के टिप्स-

रोज़ाना वर्कआउट करना: डायबिटीज कंट्रोल करने का सबसे सही तरीका है रोज़ाना वर्कआउट करना। यही एक तरीका है जिससे आसानी से वजन नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा रोज़ाना वर्कआउट करने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।

ड्राई फ्रूट्स का सेवन: स्टडी में सामने आया है कि ड्राई फ्रूट्स का लगातार सेवन करने से भी डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। अखरोट शरीर में ग्लूकोज के स्तर को काबू करने में काफी मदद करते हैं। इसलिए इसका सेवन करना फायदेमंद साबित होता है।

ताजा सब्जियां/फल का सेवन करना: डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि ताजा सब्जियां और फल का सेवन किया जाए। ये सभी फल और सब्जियां ताजी हों तो इसका काफी फायदा होता है। ऐसी सब्जियों में फाइबर होता है। इनका रोज़ाना सेवन नहीं करना भी डायबिटीज होने का एक कारण माना जाता है।