भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जनता परिवार के विलय की कोशिश को ‘अनैतिक’ करार दिया है।
शाह ने जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन को अपवित्र और अनैतिक गठबंधन बताते हुए आज कहा कि जिस प्रकार का अपवित्र गठबंधन बिहार में आकार लेने जा रहा है, उसे देखते हुए उन्हें विश्वास है कि बिहार की जनता इनकी एकता से कोई इत्तफाक नहीं रखेगी और आने वाले दिनों में पूर्ण बहुमत के साथ बिहार में भाजपा की सरकार बनेगी।
यहां भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए शाह ने पुराने जनता परिवार के दलों के विलय के बारे में कहा कि जहां तक जनता परिवार के एक होने का प्रश्न है, भाजपा इससे कतई चिंतित नहीं है क्योंकि जनता परिवार में से जनता निकल गयी है और सिर्फ ‘परिवार’ बच गया है तथा वह चुनाव में कुछ प्रदर्शन नहीं कर पाएगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय की उपस्थिति में शाह ने कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने हमेशा कांग्रेस के खिलाफ राजनीति की तथा नीतीश ने 17 साल तक लालू के खिलाफ राजनीति की। अब वे एक होकर चुनाव लड़ना चाहते हैं जो एक ‘‘अपवित्र’’ गठबंधन है जिसे आप ‘‘अनैतिक’’ भी कह सकते हैं।
यह पूछे जाने पर कि नीतीश खेमे द्वारा अगर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को पद से हटाया जाता है तो क्या भाजपा उन्हें समर्थन देगी और पार्टी में शामिल किया जाएगा, शाह ने कहा कि उनकी पार्टी इस बारे में परिस्थिति उत्पन्न होने पर विचार करेगी।
बिहार में समय से पहले चुनाव कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि हम कभी भी समय से पहले चुनाव नहीं चाहते। भाजपा की सोच है कि हर सरकार अपनी लोकतांत्रिक अवधि पूरी करे। हम कभी अस्थिरता में विश्वास नहीं रखते।
अमित शाह ने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 185 से अधिक सीटें जीतने के साथ यहां भाजपा की सरकार बनेगी तथा उनकी पार्टी एक अच्छी और मजबूत सरकार देने के साथ इस प्रदेश को ‘‘जंगल राज’’ की वापसी से मुक्ति दिलाएगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रदेश में पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी को आगे कर भाजपा आने वाला बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी, शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा, इस बारे में भाजपा संसदीय बोर्ड निर्णय करेगा। अभी इसको लेकर कोई बात नहीं हुई है। मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर किसी को पेश किया जाएगा या नहीं, इस बारे में कुछ भी तय नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा चुनाव के समय केंद्र में उनकी सरकार बनने पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के वादे से मुकर जाने के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि इस प्रदेश में अच्छी सरकार बनने पर बिहार को सबकुछ दिया जाएगा। नरेंद्र मोदी सरकार पांच साल के लिए है, न कि कुछ महीनों के लिए। उन्होंने कहा कि न केवल बिहार का विकास, बल्कि पूरे पूर्वी भारत का विकास मोदी सरकार की प्राथमिकता वाले एजेंडे में है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वादे के अनुसार बिहार को उसका हक मिलेगा। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें जो कहना था, वह कह चुके हैं।
शाह ने कहा कि जब तक बिहार में जदयू और भाजपा की सरकार थी, यह प्रदेश विकास के रास्ते पर था और यहां कानून-व्यवस्था ठीक थी और जंगल राज से मुक्ति मिली हुई थी। जैसे ही जदयू की सरकार से भाजपा ने अपने को अलग कर लिया, यह राज्य फिर पुराने रास्ते पर चल पड़ा है। विकास कार्य रुका पड़ा है।
शाह ने आरोप लगाया कि बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है और फिर से लोगों को जंगल राज का आभास हो रहा है। इससे यह सिद्ध हुआ है कि भाजपा के कारण ही बिहार विकास के रास्ते पर चला था और लोगों को सुशासन का अनुभव हुआ था।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर दस करोड़ नए सदस्य बनाए जाने के लक्ष्य के अनुसार भाजपा की बिहार इकाई को 75 लाख सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य दिया गया है।
शाह ने जनधन योजना के तहत 11.5 करोड़ परिवारों का बैंक खाता खोले जाने, मंहगाई में कमी और 11 बार पेट्रोल-डीजल के दाम में की गयी कमी, विकास दर जो कि 4.6 प्रतिशत थी, उसे पहली तिमाई में 5.7 प्रतिशत तक पहुंचा देने सहित नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आठ महीनों के अब तक के संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान राष्ट्र और जनता के हित में उठाए गए गए कदमों की चर्चा करते हुए केंद्र सरकार के काम-काज की प्रशंसा की।
शाह ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आवास जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पपण किया।