उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने प्रदेश में गुंडाराज के खिलाफ अक्सर ही बयान देते रहते हैं। इसी मुद्दे पर उन्होंने एक ट्वीट किया। उन्होंने प्रदेश के युवाओं को किसी के बहकावे में न आने की अपील की। अपील के साथ-साथ सीएम योगी ने युवाओं को चेतावनी भी दी। योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘प्रदेश के युवाओं से मेरी अपील है कि वह किसी के बहकावे में न आयें। आज कोई गलत नहीं कर सकता है। जिसको अपनी प्रॉपर्टी जब्त करवानी हो, वह गलत कार्य करे।’

सीएम योगी के इसी ट्वीट पर लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। कोई उन्हें इस तरह की भाषा इस्तेमाल करने पर खरी खोटी सुना रहा है, वहीं कुछ यूजर उनसे लोकतंत्र पर सवाल करते नजर आ रहे हैं। उनके इससे ट्वीट पर धीरज मिश्रा नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि लोकतंत्र कहां है? युवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्रीनिवास ने उनके इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि, ‘यह एक मुख्यमंत्री की भाषा है या किसी सड़क छाप लफंगे की?’

पत्रकार रोहिणी सिंह लिखती है कि ये खुदीराम बोस का देश है जो 18 वर्ष की उम्र में हंसते हंसते फाँसी पर चढ़ गए, ये भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु जैसे युवा क्रांतिकारियों का देश है जो अन्याय के आगे झुके नहीं और अपना प्राण त्याग दिए, भारत की आत्मा में शांति है, पर कण कण में क्रांति है। धमकी देने वाले बहुत आए और गए।

पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह ने उनके इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पीट रही पुलिस का एक वीडियो भी शेयर किया। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि ये है आपका असली चेहरा। बुरी तरह पीटे जाने के बाद इस छात्र के चेहरे की मायूसी और दर्द हर गरीब परिवार का बेटा महसूस कर सकता है। अब क्या पुलिस निर्धारित करेगी युवाओं का भविष्य? मुख्यमंत्री जी, उँगलियों पर गिनिए अपने बचे हुए दिन।

एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह लिखते हैं कि और यूपी में जो युवा ‘गलत’ करने से पहले अपनी प्रॉपर्टी न बनाए हो? हंसराज मीणा नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि उत्तर प्रदेश के युवा का सरकार से रोजगार मांगना अपना अधिकार है। क्या यह गलत है? अपराध है? प्रॉपर्टी जब्त कराएंगे? @Jalebi_Bai_ ट्विटर अकाउंट से कमेंट आया कि संसद का आसूं याद है कि नही बिलख बिलख कर रोए थे। समय बलवान होता है और प्रकृति का नियम है समय बदलता जरूर हो इंतजार करिए फिर रोयेंगे आप। एक ट्विटर यूजर सीएम योगी पर तंज कसते हुए लिखते हैं कि कितना सभ्य मुख्यमंत्री चुना है यूपी वालों ने। इतनी मर्यादित भाषा का प्रयोग युवाओं के लिए जो अपने हक के खातिर विरोध कर रहे हैं।

स्वतंत्र पत्रकार रणविजय सिंह योगी आदित्यनाथ के इस ट्वीट पर लिखते हैं कि शायद ये ट्वीट गलती से हुआ है। मुख्यमंत्री की भाषा ऐसी नहीं हो सकती। एक ट्विटर हैंडल से इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा गया कि संसद में अपनी सुरक्षा के लिए रोने वाले, अपने नाकामियों को छिपाने के लिए जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या किए। ये उन्हीं की भाषा है। इनके हिसाब से लोकतंत्र में यही भाषा बोली जाती है।