एक टीवी इंटरव्यू के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कई सवाल पूछे गए। उनसे पूछा गया कि आपकी पार्टी धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए आपका इस्तेमाल करती है? इस पर योगी बोले, पार्टी इस्तेमाल नहीं करती है… पार्टी का एक कार्यकर्ता होने के नाते मुझे दूसरे राज्यों में प्रचार के लिए भेजा जाता है। मेरा यह दायित्व बनता है कि मैं पार्टी के सहयोग के लिए अन्य जगह पर भी प्रचार के लिए जाऊं। मेरी आस्था मेरे साथ है। उन्होंने कहा कि मैं जबरन पाखंड क्यों करूं? मेरी जो आस्था होगी मैं वही करूंगा।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि मैं उन लोगों में नहीं हूं जो चोरी छिपे टीका लगाते हों.. और फिर किसी सम्मेलन में जाकर गोल टोपी लगा कर लोगों में भ्रम पैदा करते हों। मैं अगर टीका और रक्षा सूत्र बांधता हूं तो यही करूंगा। मुझे अगर गोल टोपी नहीं लगाना है तो नहीं लगाना है।
सीएम योगी ने कहा, मेरी आस्था राम में है तो मैं मंदिर ही जाऊंगा। अनावश्यक रूप से दूसरों को भ्रम में नहीं रखूंगा। मेरा मानना है कि हर व्यक्ति अपनी आस्था का पालन करें, इसके साथ ही दूसरों की आस्था का सम्मान करें। सीएम योगी के इस इंटरव्यू पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है।
अमर नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि बहुत ही ऐसे कम नेता है जो सार्वजनिक रूप से ऐसी बातें कहते हैं। विपुल लिखते हैं, सीधी बात नो बकवास… आपकी इस सीधी बात के हम सब कायल हैं।
भरत ने लिखा, इतनी साफगोई से कोई और नेता अपनी बात कह सकता है क्या? आलम अहमद ने लिखा, मेरी इबादत मेरे साथ है और मेरी इबादत अल्लाह और अल्लाह के रसूल के लिए है तो मैं मस्जिद ही जाऊंगा।