IC 814 Kandahar Hijack: पहलगाम आतंकी हमले के बदले के लिए शुरु किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत लगातार पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर रहा है। 6-7 मई की दरमियानी रात से आतंक के खिलाफ भारत की कार्रवाई शुरू है। इस बीच इंटरनेट पर IC 814 ट्रेंड कर रहा है।
आतंकी ढांचे पर हमला करके मार गिराया
दरअसल, बीजेपी ने दावा किया है कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर का छोटा भाई अब्दुल रऊफ अजहर उन आतंकवादियों में शामिल है, जिन्हें भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर हमला करके मार गिराया है।
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भारत ने 6-7 मई की रात पहलगाम आतंकी हमले के बदले में पाकिस्तान और पीओके में नौ जगहों पर सटीक हवाई हमले किए, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इनमें से एक स्थान बहावलपुर में जैश का मुख्यालय था।
बीजेपी ने सोशल मीडिया पर अब्दुल रऊफ अजहर की तस्वीर और उस पर “समाप्त” लिखा हुआ एक पोस्ट डाला। मोस्ट वांटेड आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर 1999 में कंधार में इंडियन एयरलाइंस आईसी-814 के हाईजैक का मास्टरमाइंड था। वह पठानकोट आतंकी हमले और 2001 में संसद पर हुए हमले में भी शामिल था।
कंधार हाइजैक क्या है?
बता दें कि काठमांडू से नई दिल्ली जा रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 को 24 दिसंबर, 1999 को उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह हरकत-उल-मुजाहिदीन के पांच सशस्त्र आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया था। हाइजैकर्स ने विमान को कई बार अपना रास्ता बदलने के लिए मजबूर किया।
रिपोर्ट के मुताबिक पहले इसे अमृतसर, भारत, फिर लाहौर, पाकिस्तान और बाद में दुबई, संयुक्त अरब अमीरात ले जाया गया, जहां 27 यात्रियों को रिहा किया गया, जिसमें एक गंभीर रूप से घायल बंधक भी शामिल था, जिसने बाद में अपनी चोटों के कारण दम तोड़ दिया। आखिरकार, विमान कंधार, अफगानिस्तान में उतरा, जो उस समय तालिबान के नियंत्रण में था।
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हाइजैकर्स ने भारतीय जेलों में बंद 36 आतंकवादियों की रिहाई, 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर नकद और एक मृत आतंकवादी के अवशेषों की मांग की। हाइजैकर्स, भारत सरकार और तालिबान प्रतिनिधियों के बीच गहन बातचीत हुई। कई दिनों तक चले तनावपूर्ण गतिरोध और बंधकों की जान को जोखिम में डालने के बाद, भारत सरकार तीन हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों को रिहा करने पर सहमत हुई – मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर।
31 दिसंबर, 1999 को, शेष यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की रिहाई के बदले में तीनों आतंकवादियों को सौंप दिया गया। हाइजैकर्स को पाकिस्तान भागने की अनुमति दी गई, जहां वे आज़ाद रहे, जिससे भारत-पाकिस्तान संबंधों में और तनाव पैदा हो गया।
अब भारत की इस पूरी कार्रवाई की कांधार हाइजैक के न्याय के तौर पर देखा जा रहा है। यही कारण है कि इंटरनेट पर IC 814 ट्रेंड कर रहा है।