विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में भगदड़ मची हुई है। उत्तर प्रदेश बीजेपी से 3 पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी के साथ-साथ 13 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसे भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इसी बीच अब उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत को भी बीजेपी से निकाल दिया गया। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या अब नेताओं का बीजेपी के प्रति मोहभंग हो रहा है? आखिर बीजेपी में इतनी भगदड़ क्यों मची हुई है?
क्या बीजेपी को अपनों से ज्यादा चुनौती है?: लगातार बीजेपी छोड़ रहे नेताओं के मुद्दे पर न्यूज18 इंडिया चैनल के एक डिबेट में शामिल होने पहुंचे बीजेपी प्रवक्ता जफर इस्लाम ने कहा कि “जो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं, वो पछताएंगे।” दरअसल बीजेपी प्रवक्ता से सवाल पूछा गया कि यूपी से लेकर उत्तराखंड तक, ऐसा लग रहा है कि बीजेपी को अपनों से ज्यादा चुनौती है? हरक सिंह रावत कह रहे हैं कि उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार आ रही है?
इस पर जवाब देते हुए जफर इस्लाम कहते हैं कि “पार्टी ने सही वक्त पर बिलकुल सही फैसला लिया है। हरक सिंह रावत ने जो भी कहा हो, मैं उसे खारिज नहीं करता हूं। अपनी बातों को छुपाने के लिए वे कुछ भी कह सकते हैं लेकिन उन्हें (हरक सिंह रावत) को पता है कि उन्हें पार्टी से क्यों निकाला गया है। बीजेपी दुनिया की सबसे सबसे बड़ी पार्टी है, 18 लोगों को निकल जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
‘मेवा खाने नहीं, सेवा करने आए हैं’ : क्या इन नेताओं के पार्टी में रहने से फर्क पड़ता था या नहीं? इस सवाल को इग्नोर करते हुए जफर इस्लाम आगे कहते हैं कि हमने पांच साल तक किसी तरह का गलत काम नहीं होने दिया। बीजेपी की सरकार जनता की सरकार है। जफ़र इस्लाम ने आगे कहा कि “हमने कोई गलत काम नहीं करने दिया। उन्हें (हरक सिंह रावत) इस बात का दुःख है और हमें कोई दुःख नहीं हैं। हमने उन्हें निष्काषित किया है।”
इसके बाद एक लंबी सांस लेते हुए जफ़र इस्लाम ने कहा कि “जो लोग पार्टी छोड़कर कर जा रहे हैं, मैं चैनल पर कह रहा हूं, बहुत पछताएंगे रिजल्ट आने के बाद। चंद दिनों की बात है, उसके बाद रिजल्ट आ जायेगा और ये सारे लोग जो बड़ी बड़ी बातें कर रहे हैं, जमीन पर इन्हें अपनी हैसियत मालूम नहीं है।
बता दें कि बीजेपी के अधिकतर नेताओं ने यह कहते हुए पार्टी से इस्तीफ़ा दिया है कि सरकार गरीबों, दलितों, किसानों, पिछड़ों की उपेक्षा कर रही थी। इन्हीं मुदों को लेकर चर्चा में शामिल अन्य नेताओं ने भी बीजेपी प्रवक्ता को घेरने की कोशिश की।