देश भर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कई राज्यों में इस कानून के विरोध में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। देश का सबसे बड़ राज्य उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा। लेकिन यहां पर जिस तरह से पुलिस प्रदर्शनकारियों से निपट रही है वह चर्चा में बना हुआ है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं। योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को आदेश दिया है कि जो भी प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता दिखे उसे चिन्हित करके जुर्माना वसूला जाए। पुलिस ने ऐसे कई लोगों की तस्वीरें भी जारी की हैं।

कई वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज करती दिख रही है। पुलिस ने कई लोगों हिरासत में भी लिया है। सोशल मीडिया में पुलिस का कार्रवाई पर लोग दो धड़ों में बंटे हैं। कुछ लोग लिख रहे हैं कि पुलिस जिस तरह से सख्ती कर रही है वह ठीक है। वहीं कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि पुलिस प्रदर्शनकारियों का उत्पीड़न कर रही है। इन सबके बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में योगी आदित्य नाथ यूपी पुलिस की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित और बर्बरता बताते हुए रोते दिख रहे हैं।

दरअसल ये वीडियो है साल 2007 का जब संसद में अपनी बात रखते हुए तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ रो पड़े थे। तब लोकसभा में योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से विशेष अनुमति ली थी।  साल 2006 में पूर्वांचल के कई कस्बों में सांप्रदायिक हिंसा फैली थी। जब आदित्यनाथ अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो फूट-फूट कर रोने लगे। कुछ देर तक वे कुछ बोल ही नहीं पाए और जब बोले तो कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रही है और उन्हें जान का खतरा है।

लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से योगी ने बताया था कि गोरखपुर जाते हुए उन्हें शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और जिस मामले में उन्हें सिर्फ 12 घंटे बंद रखा जा सकता था, उस मामले में 11 दिन जेल में रखा गया।

सोशल मीडिया में योगी आदित्यनाथ के रोने के इस पुराने वीडियो को शेयर करते हुए लोग लिख रहे हैं कि हर प्रदर्शनाकारियों को उपद्रवी समझने वाली सरकार का मुखिया कभी संसद में पुलिस ज़्यादती की वजह से ही रोया था।