पिछले दिनों अपने भाषण में एक बुजुर्ग महिला के वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि “बुजुर्ग महिला कह रही है कि हमने मोदी का नमक खाया है, हम उन्हें कभी धोखा नहीं देंगे।” पीएम मोदी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। 4 मार्च को मिर्जापुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने फिर से उस महिला के बयान को दोहराते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।
नमक वाले बयान पर क्या पीएम मोदी?: जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “गरीब मां कह रही है कि हमने तो मोदी का नमक खाया है। एक मां जब ये बोलती है तो मेरे लिए वो शब्द नहीं होते हैं, वो आशीर्वाद होते हैं। मैं अपनी गरीब माताओं से कहता हूं कि मां नमक आपने नहीं खाया है, नमक तो आपका मैंने खाया है। मां आपने जो मुझे नमक खिलाया है, जीवन भर एक बेटे की तरह मां मैं इस नमक का कर्ज चुकाता रहूंगा।”
पूर्व आईएएस ने ऐसे कसा तंज: पीएम मोदी के इस बयान पर लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा कि “मोदी जी ने बयान बदल लिया, जैसा कृषि बिलों पर किया था। मोदी ने कहा है कि “नमक आपने नहीं, मैंने खाया है”। लगता है, जनता का मूड भांप लिया, टेढ़ी रे नजरिया।”
लोगों की प्रतिक्रियाएं: ऋषि नाम के यूजर ने लिखा कि “लगता है जनता के टैक्स से करोड़ों के हवाई जहाज में घुमने वाले मोदी जी समझ गए कि “नमक” जनता के टैक्स के पैसे का था। इसीलिए कह रहे हैं कि “नमक आपने नहीं, नमक तो आपका मैंने खाया है”। अरुणेश तेवतिया नाम के यूजर ने लिखा कि “देश बेचकर जो खा गये, उसका कर्ज कौन उतारेगा साहब?? रोड पर आकर, रोड शो करने से एक बात तो साफ हो गयी कि सत्ता बदलते ही तुम्हारा जेल जाना तो तय हैं। 8 वर्षो मे जो तुमने देश को लूटा और लूटवाया है, उसका एक-एक हिसाब होगा। इंतजार करो”।
नरेंद्र चौधरी नाम के यूजर ने लिखा कि “इनके नमक के झांसे में कोई मत आ जाना, सब बिक चुका है। अब इनके गुंडे आपके घरों को भी बेच देंगे और आप कुछ नही कर सकेंगे। हाथ जोड़ लो इनसे और आगे जाने को बोल दो।” मुमताज अंसारी नाम की यूजर ने लिखा कि “प्रियंका गांधी वाड्रा जी के चलते अपना बयान बदलना पड़ा साहब को, उस दिन नमक खिलाने की बात कर रहे थे।”
राघवेंद्र सिंह यादव नाम के यूजर ने लिखा कि “जब कुर्सी हिलती दिखी तो तेवर भी बदलने लगे हैं। लेकिन साहेब ने तेवर बदलने में देर कर दी। जिनके इशारों पर साहब की तारीफ में कसीदे पढ़े जाते हैं, उन्हें भी जब लगा कि वाकई देर हो गई तो साहेब भी अपने पुराने अंदाज में वापस आते दिखे। किन्तु काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है।