अगले साल के शुरुआती महीनों में पश्चिम बंगाल के विधान सभा चुनाव होने हैं। चुनावों के ऐलान से पहले ही तमाम राजनीतिक दलों ने प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है। एक दूसरे पर जुबानी हमले भी शुरू हो चुके हैं। इस बार के विधान सभा चुनाव में बीजेपी सरकार बनाने का दावा कर रही है तो वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके दावों को हवाई बता रही हैं।
इसी कड़ी में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बंगाल में बीजेपी को कितनी सीटें मिलेंगी, इसे लेकर भविष्यवाणी की है। प्रशांत किशोर का दावा है कि 200 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी को दहाई अंक को पार करने के लिए ही संघर्ष करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी पोषित मीडिया के एक धड़े द्वारा राजनीतिक हवा बनाई जा रही है उन्होंने यह भी लिखा कि इस ट्वीट को सेव कर लीजिए और यदि बीजेपी इससे अच्छा प्रदर्शन करती है तो मैं यह काम छोड़ दूंगा।
For all the hype AMPLIFIED by a section of supportive media, in reality BJP will struggle to CROSS DOUBLE DIGITS in #WestBengal
PS: Please save this tweet and if BJP does any better I must quit this space!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 21, 2020
देखते ही देखते प्रशांत किशोर का यह ट्वीट वायरल होने लगा। इसपर हजारों की संख्या में लोगों के कमेंट आ रहे हैं। कुछ यूजर्स उनकी बातों से सहमत हैं तो कुछ उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं। बीजेपी समर्थक और बॉलीवुड के फिल्म मेकर अशोक पंडित ने भी प्रशांत किशोर के इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अशोक पंडित ने प्रशांत किशोर का ट्वीट रिट्वीट करते हुए लिखा- फेंकी हुई रोटी पर पलने वालों का कोई वजूद नहीं होता प्रशांत जी, वो ग़ुलाम ही कहलाता है। ठीक उसी तरह जैसे आप आजकल ममता जी के हैं। प्रशांत किशोर की तरफ से फिलहाल अशोक पंडित के इस ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
फेकी हुई रोटी पर पलने वालों का कोई वजूद नहीं होता प्रशांत जी, वो ग़ुलाम ही कहलाता है !
ठीक उसी तरह जैसे आप आजकल ममता जी के ! https://t.co/L18JSwKhOA— Ashoke Pandit (@ashokepandit) December 21, 2020
बीजेपी की तरफ से भी कई नेताओं ने प्रशांत किशोक के इस ट्वीट पर उनकी चुटकी ली। बीजेपी के बंगालप्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने तंज कसते हुए लिखा- भाजपा की बंगाल में जो सुनामी चल रही हैं, सरकार बनने के बाद इस देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।