देश में चुनावी मौसम चल रहा है और विभिन्न राजनैतिक पार्टियां मतदाताओं को अपने पाले में खींचने के प्रयास में जुटी हैं। आगामी चुनावों में कई राजनैतिक पार्टियां भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ रही हैं। जिसके चलते भाजपा मतदाताओं से आगामी चुनावों में मजबूत नेतृत्व चुनने की अपील कर रही है और गठबंधन पर निशाना साध रही है। ऐसे ही एक टीवी कार्यक्रम की डिबेट में भी इसी मुद्दे पर चर्चा चल रही थी, कि टीएमसी के नेता भड़क गए। दरअसल आज तक न्यूज चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान एंकर ने भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया से सवाल किया कि भाजपा की तरफ से दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी की टक्कर में कोई नहीं है, लेकिन क्या वाकई में ऐसा है? इस पर गौरव भाटिया ने बताया कि मोदी जी के पीछे जनता की और उनके विश्वास की ताकत है। गौरव भाटिया ने इसके बाद मोदी सरकार के विकास कार्यों और पाकिस्तान के खिलाफ मोदी सरकार के मजबूत स्टैंड की बात कही और विपक्षी गठबंधन को ‘महाठगबंधन’ बताया।
इसके बाद जब एंकर ने टीएमसी नेता मनोजीत मंडल से सवाल किया कि काफी दिनों से देशभर में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाने की चर्चाएं चल रहीं थी, लेकिन चुनाव आ गए और अभी तक इसे लेकर कोई सहमति नहीं बन पायी है? इस पर टीएमसी नेता ने भड़कते हुए कहा कि आपने भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया के साथ कितनी मिठास के साथ बात की और मेरे साथ बिल्कुल नीम का पेड़ बन गई हैं। बीजेपी वालों के लिए रसगुल्ला और मेरे लिए नीम का पेड़! इसके बाद टीएमसी नेता ने कहा कि मोदी जी सिर्फ पीएम पद के लिए लड़ रहे हैं, जबकि हम देश को बचाने के लिए लड़ रहे हैं।
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी जहां अपना मजबूत किला बचाने की जुगत में लगी है, वहीं भाजपा का राज्य में बढ़ता जनाधार उसके लिए चिंता का सबब बना हुआ है। यही वजह है कि टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने भी भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाने की कोशिशें की थीं। कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में जिस तरह से विपक्षी पार्टियों ने एकजुटता दिखाई थी। उसके बाद बीते दिनों कोलकाता में भी ममता बनर्जी ने विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर अपनी ताकत का एहसास कराया था। हालांकि किन्हीं कारणों से बात नहीं बन पायी और महागठबंधन आकार नहीं ले सका। अब राजनैतिक पार्टियां अलग-अलग राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर भाजपा को हराने की कोशिशों में जुटी हैं। अब देखने वाली बात होगी कि राजनीतिक पार्टियों की यह कोशिश कितनी सफल रहती है या फिर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की सत्ता में वापसी होती है?