भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी किताब ‘A Century is Not Enough’ में पाकिस्तान के कई अनुभव साझा किए हैं। इनमें कई मजेदार यादें भी हैं। एक इंटरव्यू में गांगुली ने पाकिस्तान में मिली मेहमाननवाजी को ‘अकल्पनीय’ बताया है। ‘दादा’ के नाम से मशहूर गांगुली ने पत्रकार बरखा दत्त से बातचीत में कहा, “मुझे पाकिस्तान बेहद पसंद आया।” उन्होंने कहा, ”अगर आप मेरे साथियों से पूछें तो वे बताएंगे कि वह कमाल का देश है। पाकिस्तान में कठोरता है, खूबसूरती है। यह अलग है। यह कठोर देश है, नरम भी है और उन्हें अपने क्रिकेट से बेहद प्यार है।”
गांगुली ने कहा, ”हम सियालकोट से पिंडी के अंदरूनी इलाकों में गए, लाहौर गए, कराची गए। हर जगह अलग-अलग लोग मिले। मुझे याद है कि हम एक वनडे मैच के लिए सियालकोट जा रहे थे तो सुबह-सुबह गलियों के दोनों तरफ पठानों की लाइन लगी देखी। वे मैच शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। हम उन दो महीनों में बहुत अच्छा खेले। हमारा साथ ऐसा व्यवहार हुआ, जैसा हमने कभी सोचा नहीं था।”
गांगुली ने आगे बताया, ”वहां का खाना बेहतरीन है और मेहमाननवाजी जोरदार। होटल रूम में भी लोग आपकी मदद करते हैं। वहां भारत की धाक है। आप इंडिया से हैं, आपका देश इतना अच्छा है! वो हमारी फिल्मों से प्रभावित हैं। मुझे वहां का दौरा करने में मजा आया, शायद हम वहां अच्छा खेले इसलिए भी। हम 2006 में भी गए तो उस समय भी वैसा ही माहौल मिला।”
जब गांगुली से पूछा गया कि क्या क्रिकेट में भारत के लिए पाकिस्तान पर जीत हासिल करना सबसे मुश्किल रहा है, वह भी भारतीयों के दबाव में तो गांगुली ने कहा, ”हां, वह एक अच्छी टीम थी। मुझे याद है कि पाकिस्तान में 2005 में हमने टेस्ट और वनडे सीरीज जीती। उन्हें वर्ल्ड कप 2003 में सेंचुरियन में हराया। मुझे आर्मी चीफ का फोन आया कि वेल डन।”
देखें गांगुली का इंटरव्यू:
https://twitter.com/iconicdeepak/status/970581435814940672
इंटरव्यू में दादा ने कहा, ”इस्लामाबाद बहुत खूबसूरत जगह है। आप गलियों में गुजरिए, एक तरफ खूबसूरत इमारतें और दूसरी तरफ पहाड़। यह एक शानदार अनुभव रहा।”

