कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर शुरू हुए विवाद की वजह से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक इतिहास पर भी बहस छिड़ गई है। कश्मीरी पंडितों के इंसाफ में हुई देरी के लिए बहुत से लोग कांग्रेस को कोस रहे हैं। इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और हुर्रियत के नेता यासीन मलिक की एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।

वायरल हो रही तस्वीर पर क्या बोले राजदीप सरदेसाई: वायरल हो रही तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि कश्मीरी पंडितों के गुनहगारों को कांग्रेस की सरकार में सम्मान दिया जाता था। प्रधानमंत्री उन्हें बातचीत के लिए बुलाते थे। इस तरह के बहुत से आरोप लगाए जा रहे हैं लेकिन अब पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने वायरल हो रही मनमोहन सिंह और यासीन मलिक की तस्वीर पर प्रतिक्रिया दी है।

राजदीप सरदेसाई ने बताई सच्चाई!: राजदीप सरदेसाई ने ट्विटर पर लिखा कि “यासीन मलिक के साथ डॉ मनमोहन सिंह की तस्वीरें। जो दिखाया/बताया नहीं गया है। मलिक/हुर्रियत नेताओं के साथ बातचीत तब शुरू हुई जब वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे और डॉ. सिंह ने इस बातचीत को आगे बढ़ाया। जब हम एक गैर-पक्षपाती इतिहास की बात करते हैं, तभी हम लोगों को सही मायने में लोगों को शिक्षित कर सकते हैं।”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: राजदीप सरदेसाई के इस ट्वीट पर अब लोग भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। विनायक नाम के यूजर ने लिखा कि “यासीन मलिक की पत्नी का इमोशनल इंटरव्यू लेकर आप में ही आम जनता को शिक्षित करने की क्षमता है, जैसे आपने रिया चक्रवर्ती का लिया था। जब मैं उस इंटरव्यू को देखता हूं तो मेरी आंखों से अभी भी आंसू छलक जाते हैं।”

आशुतोष सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “राजदीप जी, वो 370 हटने से पहले का भारत है, आज के लोग इतिहास ठीक करना चाहते है तो परेशानी क्या है? आप कहना चाह रहे है कि अटल जी नें बातचीत शुरू की थी? इसलिए अटल जी इस फोटो के लिए जिम्मेदार हैं? कांग्रेस और मनमोहन कश्मीर समस्या के जिम्मेदार नहीं हैं?”

शशिकांत यादव नाम के यूजर ने लिखा कि “चाणक्य नीति का कहना है कि साम, दाम दंड और भेद तकनीकों का राजनेताओं द्वारा पालन किया जाना चाहिए। यासीन ने पीएम वाजपेयी से मुलाकात की थी- साम । दाम- सरेंडर करने के बाद 2 लाख रुपए देने की भी कोशिश की गई। इन दोनों तकनीक ने काम नहीं किया। अब दंड तकनीक प्रक्रिया में है।”