केंद्र सरकार द्वारा सेना भर्ती के लिए लाई गई नई योजना ‘अग्निपथ’ का विरोध पूरे देश में किया जा रहा है। एक तरफ नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री इसके फायदे भी 9 में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के नेता इसको लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री व पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह (VK Singh) ने बयान दिया। जिस पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा सहित और कई नेताओं ने पलटवार किया।

VK सिंह का बयान : केंद्रीय मंत्री ने सेना में भर्ती की नई योजना को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन पर कहा कि योजना में कोई विवाद नहीं है लेकिन विपक्ष विवाद पैदा कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को गलत चीजें बता कर उकसाया जा रहा है। जब योजना की शुरुआत बाकी है तो ऐसे में विवाद कहां है?

सेना में ना हो शामिल : VK सिंह ने प्रदर्शनकारियों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अगर उन्हें सशस्त्र बलों में भर्ती की नई नीति नहीं पसंद है वे सशस्त्र बलों में शामिल ना हो और इसके लिए कोई बाध्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना ना तो रोजगार एजेंसी है और ना ही कोई कंपनी या दुकान। केंद्रीय मंत्री द्वारा कहा गया कि भारतीय सेना जबरदस्ती सैनिकों की भर्ती नहीं करती है और इच्छुक लोग अपनी मर्जी से इसमें शामिल हो सकते हैं। अगर आपको या भर्ती योजना पसंद नहीं है तो इसमें शामिल होने के लिए नहीं आए। आपको आने के लिए कौन कह रहा है।

कांग्रेस नेता का पलटवार : पवन खेड़ा ने केंद्रीय मंत्री के बयान पर पलटवार कर कहा कि जो व्यक्ति अपनी रिटायरमेंट डालने के लिए 62 की उम्र में अदालत चला गया, वो आज युवाओं को 23 की उम्र में रिटायर होने की सलाह दे रहा है। कांग्रेस नेत्री नेटा डिसूजा ने कमेंट किया कि जो खुद अपने रिटायरमेंट की अवधि को बढ़वाने कोर्ट चले गए। वो हमारे युवाओं को 23 साल में रिटायर होने का ज्ञान दे रहे हैं। इन ओछी, शर्मनाक बातों से भाजपा के मंसूबे साफ नजर आते हैं।

कांग्रेस नेता अजय माकन ने केंद्रीय मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वीके सिंह खुद अपनी रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के लिए अदालत के चक्कर लगाते रहे। अब जब रिटायरमेंट उम्र घटाकर 4 साल कर दी गई है तो उसका स्वागत कर रहे हैं जबकि देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत चाहते थे कि सैनिकों की 17 साल सेवा बात नहीं बल्कि 58 साल में रिटायरमेंट हो।