उत्तर प्रदेश प्रीलिमनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट (यूपी पीईटी) की वजह से कई शहरों में रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप पर भारी भीड़ देखने को मिली। कई वीडियो भी सामने आये जिसमें छात्र जान जोखिम में डालकर यात्रा करते दिखाई दिए। विपक्ष ने इसे अव्यवस्था करार दिया और सरकार पर तीखा हमला बोला है। जानकारी के मुताबिक, 37 लाख छात्र इस परीक्षा के लिए आवेदन किए हैं।

सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार पर बोला हमला

न्यूज24 चैनल पर डिबेट शो के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस पर कहा कि 37 लाख लोगों ने फॉर्म भरा था और सबको पता था कि परीक्षा होने वाली है। कोई भी सरकार इसके लिए तैयारी करती है लेकिन इनकी क्या तैयारी थी? भेड़, बकरियों की तरह गाड़ियों में भरकर जिस तरह बच्चे परीक्षा देने जा रहे थे क्या यही तैयारी थी?

“रैली में जाते तो पैसा और खाना भी मिलता”

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि नेताओं के चुनावी रैली में अगर जाते हैं तो पैसा भी मिलता है, खाना भी मिलता है और फ्री की बस भी मिलती है लेकिन देश का युवा नौकरी के लिए जाएगा तो उसे भेड़, बकरियों की तरह भेजा जाएगा। ऐसा होना लाजमी है क्योंकि हमारी वित्त मंत्री कहती हैं कि रुपया कमजोर नहीं हुआ है बल्कि डॉलर मजबूत हुआ है। ऐसे लोगों के हाथ में इस वक्त सत्ता है।

वहीं भाजपा नेता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि पेपर कहीं भी लीक नहीं हुआ, तीस लाख बच्चों ने परीक्षा दिया है। आठ हजार से अधिक बसें लगाईं गई थी। दो दर्जन के करीब स्पेशल ट्रेने चलाई गई लेकिन जब तीस लाख बच्चे परीक्षा देने सड़क पर उतरेंगे तो कितनी भी व्यवस्था कर दी जाए, थोड़ी समस्या जरूर होगी। परीक्षा सेंटर दूर रखे जाने पर भाजपा प्रवक्ता त्रिपाठी ने कहा कि 2017 से पहले सेंटर नजदीक हुआ करते थे, बच्चों की मेहनत बेकार हो जाती थी। पेपर लीक होता है और कुछ जिलों के बच्चे नौकरी पाते थे। थोड़ी सी सख्ती जरूर की गई है लेकिन परीक्षा की तुलना चुनाव रैली से नहीं की जा सकती।

बता दें कि यूपी पीईटी परीक्षा देने घरों से निकले छात्रों को यात्रा करने में कठिनाई का सामना पड़ा। कई जगहों पर छात्रों ने इसको लेकर नाराजगी भी व्यक्त की। खचाखच छात्रों से भरी ट्रेन के डिब्बों के फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और लापरवाही का आरोप लगाया।