28 मई को उज्जैन में आये आंधी-तूफान की वजह से महाकाल कोरिडोर को नुकसान पहुंचा है। खबरों की मानें तो करीब आधा दर्जन मूर्तियों क्षतिग्रस्त हुई हैं, कई मूर्तियां तो एक जगह से उड़कर दूसरी जगह पहुंच गई। उज्जैन प्रशासन को जब इसकी जानकारी मिली तो अधिकारी मौके पर पहुंचे और श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया। हालांकि अब कांग्रेस के तमाम नेता इस पर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

सुप्रिया श्रीनेत ने कसा तंज

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार पर सवाल खड़ा किया है तो वहीं कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, “महाकालेश्वर कॉरिडोर की यह तस्वीरें देख कर मन बहुत दुखी है। पता नहीं क्यों इन खंडित मूर्तियों को देख कर किसी अनहोनी से मन आशंकित है। हे प्रभु रक्षा करो – सब पर कृपा बनाए रखो।”

कमलनाथ ने की जांच की मांग

पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया, “इस बात की कल्पना नहीं की थी कि सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी। आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है।” इसके साथ ही कमलनाथ ने सरकार से दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा, “जय महाकाल! ठीक उसी शुभ दिन सप्तर्षियों की मूर्ति खंडित हुई, जब सब तरफ जयकार थी। हिन्दू मान्यता के अनुसार खंडित मूर्ति को नहीं रखना चाहिए। अब देखना होगा कि सरकार इन मूर्तियों की रिपेयर कराती है या नई मूर्तियां स्थापित करती है।”

एक अन्य यूजर ने लिखा कि महाकालेश्वर, सात सौ करोड़ की लागत से बना कॉरीडोर भ्रष्टाचार की गोद में समा गया।। तीर्थ स्थल को भी नहीं छोड़ा जा रहा? @vishvakarma_ad यूजर ने लिखा कि पहली आंधी आते ही यहां की मूर्तियां जमीन पर गिर पड़ीं। इसका क्या अर्थ लगाया जाए? क्या बाबा महाकाल का कॉरीडोर बनाने में हुई धांधली की जांच होगी क्या?