Budaun Marriage News: उत्तर प्रदेश के बदायूं से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां खुद को ‘लव जिहाद का शिकार’ बताते हुए दो महिलाओं ने मंगलवार को सिविल लाइंस कोर्ट परिसर में स्थित एक मंदिर में एक-दूसरे को माला पहनाई और जीवन साथी के रूप में साथ रहने की कसम खाई।

बता दें कि ‘लव जिहाद’ एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल अक्सर दक्षिणपंथी संगठन करते हैं, जिसमें मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिंदू महिलाओं को शादी के जरिए धर्म परिवर्तन के लिए लुभाने की साजिश का आरोप लगाया जाता है।

लोगों की मौजूदगी में रिश्ते को औपचारिक रूप दिया

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार आशा (30) और ज्योति (28) ने खुद को कथित ‘लव जिहाद’ का शिकार बताया और अपने वकील दिवाकर वर्मा सहित कई लोगों की मौजूदगी में अपने रिश्ते को औपचारिक रूप दिया। कलेक्ट्रेट परिसर में शिव मंदिर में आयोजित प्रतीकात्मक समारोह में आशा ने पति की भूमिका निभाई, जबकि ज्योति ने पत्नी की भूमिका निभाई।

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पत्रकारों से बात करते हुए आशा ने कहा, “हम दोनों को मुस्लिम पुरुषों ने धोखा दिया था, जिन्होंने अपना नाम बदल लिया था और शादी का वादा करके हमसे प्यार करने का नाटक किया था। उन्होंने हमें धोखा दिया और उन्हें कोई कानूनी सजा नहीं दी गई है। मुझे अब पुरुषों से नफरत है और मुझे केवल ज्योति में आराम और भरोसा मिला है। भले ही कानून समलैंगिक विवाह की अनुमति न दे, हम खुद को विवाहित मानते हैं।”

तीन महीनों से साथ रह रही थीं दोनों

ज्योति ने भी इसी तरह की बात कही। उसने कहा, “हमारा रिश्ता कानूनी मान्यता से परे है। हमने हमेशा साथ रहने का वादा किया है। पुरुषों ने हमें केवल दर्द दिया है। हम एक-दूसरे से शादी कर रहे हैं क्योंकि हम एक-दूसरे पर पूरा भरोसा करते हैं।”

दोनों महिलाओं ने कहा कि वे पिछले तीन महीनों से साथ रह रही थीं। मंगलवार को, उन्होंने अधिवक्ता वर्मा से संपर्क किया और शादी करने की इच्छा जताई और बाद में दोनों ने मंदिर में एक-दूसरे को माला पहनाई और प्रतीकात्मक तौर पर शादी कर ली।

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अधिवक्ता वर्मा ने कहा, “वे मेरे पास आईं और कहा कि वे पुरुषों के साथ पिछले संबंधों से बहुत दुखी हैं, खासकर प्यार के नाम पर मुस्लिम युवकों द्वारा धोखे से जुड़े मामलों से। उन्होंने पुरुषों के प्रति अपनी नफरत व्यक्त की और कहा कि वे साथ में एक नया जीवन शुरू करना चाहती हैं। जीवन और स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार के अनुसार, मैंने उनकी इच्छा का समर्थन किया।”

महिलाओं ने कहा कि अगर उनके परिवार उनकी शादी को स्वीकार करते हैं, तो वे समर्थन का स्वागत करेंगी। अन्यथा, वे स्वतंत्र रूप से रहने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने सरकार से प्रेम की आड़ में महिलाओं को गुमराह करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आग्रह किया।