नागरिकता कानून(CAA) के खिलाफ देशभर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। ये प्रदर्शन हिंसक रूप लेते दिखाई दिए। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर तो पब्लिक प्रॉपर्टी को ही नुकसान पहुंचा दिया। असम, पश्चिम बंगाल से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक में पब्लिक प्रॉपर्टी पर प्रदर्शनकारियों का आक्रोश निकला। रविवार को दक्षिणी दिल्ली में विरोध के दौरान कई बसों को आग के हवाले कर दिया गया।
CAA के विरोध में हिंसक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सोशल मीडिया दो धड़े में बंटा दिखा। कुछ लोग लिख रहे हैं कि सरकार तक आवाज पहुंचाने के लिए इस तरह का उग्र प्रदर्शन जरूरी है तो वहीं बहुत से यूजर्स लिख रहे हैं कि किसी भी हाल में सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो एक धर्म विशेष की हस्तियों को निशाने पर ले रहे हैं।
नागरिकता कानून पर हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर एक ट्रोल ने बॉलीवुड एक्टर फरहान अख्तर को निशाने पर ले लिया। इस ट्रोल ने फरहान और उनके पैरंट्स जावेद अख्तर व शबाना आजमी को टैग करते हुए लिखा, ‘आप अपनी कौम तक पहुंचें, उन्हें संभालें और बताएं कि वह मेरे देश की संपत्ति को नष्ट न करें। इसके बाद अगर प्रदर्शनकारियों को पकड़े जाने पर पीटा जाए तो फिर रोना मत।’
Hi @FarOutAkhtar @Javedakhtarjadu @azmishabana , reach out to your qaum & tell them not to destroy my country’s property. Don’t cry when these rioters get arrested & beaten black & blue. https://t.co/kAj5wA4lOk
— गीतिका (@ggiittiikkaa) December 14, 2019
इस तरह का ट्वीट देख फरहान अख्तर भी चुप नहीं रहे। उन्होंने ट्रोल को करारा जवाब दिया। फरहान ने लिखा- ‘मैं डेविड धवन से अपील करूंगा कि वह तुम्हें Bigot no 1 यानी कट्टर या धर्मांध नबंर वन में कास्ट करें। उसके लिए तुम एकदम परफेक्ट हो।’ बता दें कि डेविड धवन का जिक्र इसलिए किया क्योंकि वह नंबर वन सीरीज की फिल्में बनाने के लिए मशहूर हैं।
Going to request David Dhawan to cast you in ‘Bigot no 1.’ .. you are perfect for the part. https://t.co/mJY06imbA4
— Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) December 15, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा में पास होने के बाद से ही देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सबसे पहले असम में लोग इस कानून के विरोध में सड़क पर उतरें फिर धीरे-धीरे बंगाल और दिल्ली में भी CAA का पुरजोर विरोध होने लगा। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र भी इस कानून के विरोध में मोर्चा खेले हुए हैं। असम और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में तो इंटरनेट सेवाएं तक बंद करनी पड़ गई हैं।