बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी फिर से एक बार अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं। उनके तेवर चीन को लेकर ही तल्ख हो रहे हैं। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर का हवाला देकर उन्होंने पीएम मोदी के उस वक्तव्य पर निशाना साधा है जो उन्होंने लद्दाख में चीनी सैनिकों से हुए संघर्ष के बाद दिया था। उनका सवाल है कि क्या शी ज‍िनप‍िंग से क‍िया वादा न‍िभाने के ल‍िए नरेंद्र मोदी कह रहे हैं ‘कोई आया नहीं’?

स्वामी ने द हिंदू अखबार के पेज 11 पर छपी खबर का जिक्र कर पीएम मोदी को कटघरे में खड़ा किया है। दरअसल, इसमें चीन के प्रवक्ता के उस बयान का जिक्र किया गया था, जिसमें उन्होंने सीडीएस जनरल बिपिन रावत की निंदा की है। चीनी प्रवक्ता का कहना है कि दोनों देशों के नेता मानते हैं कि चीन और भारत एक दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं। स्वामी ने सवाल किया कि क्या वाकई चीन खतरा नहीं है? ‘कोई आया नहीं’ का बयान पीएम मोदी ने किसी समझौते के तहत दिया था।

सुब्रमण्यम स्वामी ने पहले भी सवाल किया था कि जब भारतीय सेना सामरिक मोर्चों पर आगे तक पहुंच गई थी तो फिर चीन के साथ अचानक समझौता क्यों करना पड़ा। इसकी वजह से भारत को वहां से हटना पड़ा। उनका कहना था कि सरकार के कदम से चीन को खुशी हुई होगी। स्वामी ने कहा था कि हमारी धरती पर चीन के कदम नहीं पड़े, यह सच नहीं था। जनरल नरवने ने सैनिकों को एलएसी पार करने और पीएलए बेस की पैंगोग पहाड़ी पर कब्जा करने का आदेश दिया था। चीन डेपसांग पर अभी तक जमा बैठा है। लेकिन हमें वहां से हटना है।

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 14 दौर की वार्ता हो चुकी है। गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर पर बातचीत के 14 दौर हो चुके हैं, लेकिन वार्ता अभी तक बेनतीजा रही। हर दौर में दोनों पक्षों ने अलग अलग बयान जारी कर एक दूसरे पर बातचीत के विफल होने का आरोप लगाया है। भारत ने कहा कि यथास्थिति को बदलने की चीन की एकतरफा कोशिशें गतिरोध के लिए जिम्मेदार हैं।

उधर, चीन का कहना है कि जो जहां है वहीं बना रहे। चीन ने कहा कि भारत स्थिति का गलत आकलन करने के बजाय वार्ता को मुकाम तक पहुंचाए। भारत पूरे मामले में अनुचित मांग रख रहा है। चीन ने सीमा गतिरोध को समाप्त करने और जारी तनातनी को शांत करने के लिए कई प्रयास किए हैं। संबंधों को बनाए रखने के लिए अपनी पूरी ईमानदारी दिखाई है।