दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई नई शराब नीति पर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं। वहीं नई एक्साइज पॉलिसी में कथित तौर पर गंभीर गड़बड़ियों के आरोपों की जांच के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। इसी विषय पर जानकारी दे रहे एंकर सुशांत सिन्हा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कई तरह के सवाल उठाएं। जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने जवाब दिया।
सुशांत सिन्हा ने कही यह बात
एंकर ने अपने शो में कहा कि जून तक का आंकड़ा कहता है, दिल्ली में 464 शराब के ठेके खोले गए हैं। जो दिल्ली सरकार पॉलिसी लाई, उसके मुताबिक वह चाहती थी कि दिल्ली में 849 शराब के ठेके खोले जाएं लेकिन मई तक 650 शराब के ठेके खुल गए थे। जिसके बाद कुछ ठेके बंद हो गए और कुछ बंद कर दिए गए, जिसकी वजह से जून में 464 शराब के ठेके बचे। उन्होंने कहा कि अगर 850 शराब के ठेके खोले जाने के प्रावधान थे तो इच्छा भी तो इतने ही ठेका खोले जाने की थी।
एंकर ने शेयर किया वीडियो
अपने शो का वीडियो शेयर करते हुए एंकर ने लिखा, ‘ठेके के दो आगे ठेके, ठेके के दो पीछे ठेके.. बोलो कितने ठेके? दिल्ली में कितने शराब के ठेके हैं.. ये है सत्य।’ एंकर के इस सवाल पर सोशल मीडिया यूजर्स कई तरह के जवाब देते नजर आ रहे हैं। कुछ लोगों ने तंज कसते हुए एंकर से पूछा है कि गोवा और स्मृति ईरानी के बारे में भी आपको इसी तरह का एक शो करना चाहिए।
यूजर्स के जवाब
अनिल सिंह नाम के पीछे यूजर द्वारा लिखा गया कि खुद को कट्टर व भयंकर ईमानदार कहने वाले शराब बेचकर ही सिटी को लंदन बनाएंगे। विशाल शर्मा नाम की एक यूजर ने लिखा – गजब और बाहर के पीछे रेस्टोरेंट है या रेस्टोरेंट के पीछे बाहर है। मान्यवर, इसका भी पता लगा लीजिए। गोवा में रायता फैला हुआ है। अनीता नाम की एक यूजर ने पूछा कि गोवा और हरियाणा में कितने हैं? प्रेमा शुक्ला लिखती हैं – इसी तरह का सवाल स्मृति ईरानी पर क्यों नहीं किया जाता है?
एमआरपी प्राइस के बजाय अपनी कीमतें तय करने पर दी थी छूट
केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति में लाइसेंस धारियों को एमआरपी प्राइस पर शराब बेचने के बजाय अपनी कीमतें तय करने की छूट दी। इसके बाद दुकानदारों ने शराब पर जमकर छूट देना शुरू कर दिया, जिस दुकान पर लंबी कतारें भी लगने लगी। जिसके बाद इस आदेश को वापस लेना पड़ा। बता दें कि नई शराब नीति के लागू होते ही दिल्ली में शराब की दुकानों की संख्या 849 हो गई। शराब की दुकानों की संख्या बढ़ने पर बीजेपी ने स्कूल और मंदिरों के पास गैर अनुरूप क्षेत्रों में दुकान खोलने का आरोप भी लगाया था।