एनडीए उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। उन्हें पांच लाख, 77 हजार, 777 वोट मिले अब 25 जुलाई को वह देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगी। उन्होंने चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराया है। द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के कमेंट आने लगे। इस बीच एंकर सुशांत सिन्हा ने भी एक ट्वीट किया।

सुशांत सिन्हा का ट्वीट

टाइम्स नाउ नवभारत चैनल के एंकर सुशांत सिन्हा ने अपनी सोशल मीडिया हैंडल से कमेंट किया, ‘यशवंत सिन्हा जी ने ऐसी अंतरआत्मा जगाई की 99 गैर NDA सांसदों ने भी द्रौपदी मुर्मू जी के लिए वोट कर दिया। गजबे है।’ सुशांत सिन्हा के इस ट्वीट पर लोग भी कई तरह के रिएक्शन देते नजर आ रहे हैं। कुछ लोगों ने उनके पोस्ट पर हंसने वाली इमोजी कमेंट की है तो वहीं कुछ लोगों ने तंज कसा है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

सीमा मिश्रा नाम की एक ट्विटर यूजर लिखती हैं, ‘हमारे गांव में अशिक्षित महिला के साथ इन्हीं तरीकों से ताना मारती हैं। अभी गांव की झगड़ालू औरतों जैसे ताना मार रहे हैं यशवंत सिन्हा जी को।’ अमित नाम के ट्विटर यूजर ने तंज कसते हुए लिखा – केवल प्रधानमंत्री और बीजेपी के लोगों के लिए ही आपके मन में सम्मान है। यशवंत सिन्हा भी तो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे। ऋषभ यादव लिखते हैं कि जिस दौर में कलम कैमरे वाले बिक चुके हों, उस समय यशवंत सिन्हा जी ने चुनौती देते हुए विपक्ष की भूमिका निभाई है।

अजय नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि यशवंत सिन्हा ने चुनाव भले ना जीता हो लेकिन यह दिखाया कि विपक्ष के जनप्रतिनिधियों का ज़मीर ज़िंदा है। जो सबसे ज्यादा सुकून देने वाली बात है। अशोक शुक्ला नाम के एक यूजर द्वारा लिखा गया – गजब की अंतरात्मा जगा दी थी, उनकी बात को दूसरे दलों के लोगों ने भी गंभीरता से ले लिया था। प्रभाकर त्रिपाठी नाम के एक ट्विटर यूजर द्वारा लिखा गया कि जनप्रतिनिधियों की अंतरात्मा का जागरण लोकतंत्र को सफल बनाएगा।

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यशवंत सिन्हा ने दिया था ऐसा बयान

विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सेना ने चुनाव से पहले अपने सोशल मीडिया हैंडल से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए लिखा था कि अपनी अंतरात्मा की आवाज सुने और मुझे वोट दें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले दिनों में ये दिशा तय करेगा कि भारत में प्रजातंत्र बदला रहेगा या खत्म हो जाएगा।