गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब जम्मू कश्मीर में राजनीतिक समीकरण बदलने की आशंका जताई जा रही है। पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस के वोटरों में गुलाम नबी आजाद सेंधमारी का सकते हैं। कयाश तो यही लगाए जा रहे हैं कि गुलाम नबी आजाद भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार भी बना सकते हैं। एक न्यूज चैनल पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला इसी पर अपनी बात रख रहे थे, कश्मीरी पंडितों पर सवाल पूछने पर वो भड़क गये!
सवाल सुनते ही भड़क गए फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला कश्मीर की स्थिति पर बात कर रहे थे। इसी बीच टाइम्स नाउ की एंकर नविका कुमार ने पूछा कि कश्मीर में जब टिकालाल टकलु, जस्टिस नीलकंठ गंजू और प्रेम नाथ भट्ट की जब हत्या हुई तो आप मुख्यमंत्री थे तो आपने क्या एक्शन लिया था? नविका का ये सवाल पूरा हो पाता कि उससे पहले ही फारुक अब्दुल्ला भड़क गए!
इंटरव्यू बीच में ही क्यों छोड़कर चले गए अब्दुल्ला?
फारुक अब्दुल्ला ने नविका को बीच में ही टोकते हुए कहा कि आपने मुझे किस मुद्दे पर सवाल पूछने के लिए बुलाया है? इसके बाद वह माइक निकाल कर कहते हैं, ‘मुझे कोई इंटरव्यू नहीं देना है, एक तरफा, भाजपा के प्रतिनिधि की तरह सवाल पूछ रही है। इसके बाद अब्दुल्ला वहां से उठकर चले जाते हैं!
इस पर एंकर ने कहा कि मैं भाजपा की हूं तो कश्मीरी पंडित किसके हैं? आपके नहीं है? कश्मीर पर सवालों के जवाब नहीं देना चाहते? कश्मीरी पंडितों पर जवाब नहीं देना चाहते? मैने तो एक ही सवाल पूछा था और फारूक अब्दुल्ला साहब उठकर चले गए। यही है कश्मीर पर खुलकर बात करना? हालांकि फारूक अब्दुल्ला इंटरव्यू बीच में ही छोड़कर, कुर्सी से उठकर चले गए!
वहीं फारूक अब्दुल्ला ने गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़कर पर कहा कि मुझे बेहद अफसोस है कि गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस पार्टी छोड़नी पड़ी, जो कांग्रेस के साथ लंबे वक्त तक रहे, उन्हें आज पार्टी छोड़नी पड़ी। गुलाम नबी आजाद की नई पार्टी की चर्चा पर फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि अगर कहेंगे तो हमारे दरवाजे उनके लिए खुले हैं। देश की मजबूती के लिए हम खड़े हैं। बता दें कि 26 अगस्त को गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद पीएम मोदी और गुलाम नबी आजाद के बीच नजदीकियों को लेकर भी चर्चाएँ तेज हो गईं।