कश्मीरी पंडितों के पलायन के विषय पर बनाई गई बॉलीवुड फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर है। इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया दो भागों में बंटा नजर आ रहा है। कुछ यूजर्स इसकी तारीफ में कमेंट कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग तंज कसते हुए कई तरह के सवाल पूछ रहे हैं। इस फिल्म को लेकर कांग्रेस में भी बीजेपी पर निशाना साधा है।

कांग्रेस ने साधा बीजेपी पर निशाना : इस फिल्म के रिलीज होने के बाद केरल कांग्रेस ने कश्मीरी पंडितों के जम्मू कश्मीर से पलायन को लेकर ट्वीट किया है। कांग्रेस की ओर से दावा किया गया कि यूपीए सरकार ने जम्मू में कश्मीरी पंडितों के लिए 5242 आवास बनाएं। कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी की सत्ता में कश्मीरी पंडितों ने घाटी को सामूहिक रूप से छोड़ दिया।

बीजेपी ने भी दिया जवाब : केरल कांग्रेस के ट्वीट पर भाजपा की ओर से कहा गया कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी थी, जिससे वहां कश्मीरी पंडित रह नहीं सकते थे। उनके अंदर इतना डर बैठ गया था कि वह सब अपना घर छोड़कर दूसरी जगह चले गए। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हर कोई जानता है कि डेढ़ लाख से अधिक कश्मीरी पंडितों को सांप्रदायिक आधार पर सत्ता से बाहर कर दिया गया था, इसके पीछे कांग्रेस या उसकी समर्थित सरकारों का हाथ था।

सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रिया : पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने कमेंट किया कि दशकों तक कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को छुपाया गया, दबाया गया। अब जब कश्मीर फाइल्स की रिलीज के बाद पूरा देश इन जख्मों पर आंसू बहा रहा है तो केरल कांग्रेस ने पंडितों के जख्मों पर नमक छिड़कते हुए कहा आतंकवादियों ने सिर्फ 399 कश्मीरी हिंदुओं को मारा, मुस्लिम ज्यादा मारे गए। पत्रकार रिचा अनिरुद्ध लिखती हैं – कहावत है कि सच जब जूता पहन रहा होता है झूठ तब तक पूरी दुनिया का चक्कर लगा लेता है।

उन्होंने आगे कहा कि कश्मीरी पंडितों के सच को सामने आने में भी 30 साल लगे पर उनसे जुड़े ना जाने कितने झूठ दुनिया भर के कई चक्कर लगा चुके हैं। सच सामने है जिसे झूठलाना हो झूठला ले। लेखक पीयूष बाबले ने कमेंट किया कि कश्मीर फाइल्स जिसे देखनी हो देखे और जिसे ना देखनी हो ना देखे लेकिन यह तथ्य ध्यान में रखें कि अगर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा निकाली होती और पूरे भारत में मुसलमानों के खिलाफ माहौल ना बनाया होता तो कश्मीर में भी कश्मीरी पंडितों के खिलाफ माहौल न बनता।