रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर बयान देकर विवादों में आये स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य विरोध में बोलने वालों पर ट्वीटर पर पलटवार कर रहे हैं। अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने गला काटने पर इनाम देने वाले बाबाओं पर हमला बोला है। सपा नेता ने ट्वीट कर कहा है कि अब इन्हे पलटी मार बाबा कहें या थूककर चाटने वाला हैवान।

अब क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य?

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya Twitter) ने कहा , “समस्त महिला समाज व शूद्रवर्ण के सम्मान की बात क्या किया, मानो पहाड़ टूट गया। जिन दंभी, पाखंडी, छद्मभेशी बाबाओं ने सिर काटने वालो को 21लाख ₹ देने की घोषणा की थी, वही बाबा फोटो को तलवार से काटकर अपने शैतान होने की पुष्टि कर दी। अब इन्हे पलटी मार बाबा कहें या थूककर चाटने वाला हैवान!”

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

@HGehuma यूजर ने लिखा कि खत्म होते राजनीतिक कैरियर का आखिरी प्रयास है कि हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना। एक यूजर ने लिखा कि तुम्हारे बस का कुछ नहीं है, तुम वो दीपक हो जो बुझने के पहले भभकता है, तुम्हारा राजनीतिक पतन तो पहले ही हो गया है। @GovindB87867602 यूजरने लिखा कि हर इंसान को सोच समझ कर बोलने की आदत होनी चाहिए। आपने समाज के वंचित वर्ग के लिए क्या किया? सिर्फ अपना और अपने परिवार का सर्वांगीण विकास किया है।

@INDVivekPandey_ यूजर ने लिखा कि केवल अपना भला ही है, आप का मकसद है बेटा को टिकट, बेटी को टिकट। एक यूजर ने लिखा कि सत्य और सूर्य को कोई ज़्यादा देर तक छुपा नहीं सकता। @Nagendr33254466 यूजर ने लिखा कि आप अपनी जगह पर सही हैं। आप अपने बयान को मजबूती से पेश करें, बीजेपी की नश पकड़ चुके हैं। राजेश गौतम नाम के यूजर ने लिखा कि यह बाबा बस लोगों का भड़काने का काम करते हैं, अपने आप ही कुछ नहीं करते। इनका काम ही है कंधा दूसरे का हो और बंदूक अपनी हो।

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रविवार (22 जनवरी, 2023) को कहा था कि रामचरितमानस में सब बकवास है। क्या यही धर्म है, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो। रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है। तुलसीदास ने शुद्र को अधम जाति का कहा है। सपा नेता ने कहा कि स्त्रियों को पढ़ने-लिखने का अधिकार अंग्रेजों की हुकूमत में मिला, लेकिन दलितों को पढ़ने-लिखने का अधिकार अंग्रेजों के राज में मिला। धर्म के नाम पर विशेष जाति का अपमान किया गया। रामचरितमानस को पूरी तरह बैन कर देना चाहिए। रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है।