अर्थशास्त्रियों के एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार यूरोप के कई देशों में मंदी का खतरा है लेकिन भारत के लिए ऐसी संभावना ना के बराबर है। इस विषय पर हो रही एक टीवी डिबेट के दौरान एंकर सुशांत सिन्हा ने राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला से पूछा कि अगर हम बर्बाद है तो श्रीलंका की तरह भारत में क्यों मंदी नहीं आ रही है। तहसीन पूनावाला ने इसका जवाब दिया।
समाचार चैनल टाइम्स नाउ नवभारत पर हो रही डिबेट के दौरान एंकर ने तहसीन पूनावाला से पूछा, ‘विपक्ष लगातार कह रहा है कि भारत श्रीलंका बन जाएगा, वहीं जो नई रिपोर्ट आई है। भारत को आर्थिक मंदी को छू भी नहीं पाएगी।’ पूनावाला ने इसके जवाब में कहा कि भारत इतनी जल्दी श्रीलंका नहीं बन पाएगा, यह सब बातें राजनैतिक हैं। इसमें सच्चाई नहीं है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि लेकिन भारत को इस विषय पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए तहसीन पूनावाला ने कहा कि इस सरकार को कोई भी इकोनामी समझ में नहीं आती है। उन्होंने कई डाटा का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में बहुत बड़ा गैप आ गया है। अगर हमने इन बातों पर चिंता नहीं की तो भारत के लिए यह सब बहुत खतरनाक हो जाएगा।
एंकर ने इसी दौरान सवाल किया कि अगर यह सरकार इकोनॉमी को नहीं समझ पा रही है तो ऐसी अर्थव्यवस्था कैसे खड़ी कर पा रही। जो यूएस और अन्य देश नहीं कर पा रहे हैं? इस पर उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस सरकार को और खासकर वित्त मंत्री को माइक्रो इकोनॉमिक्स बिल्कुल भी समझ में नहीं आती है। इस जवाब पर एंकर द्वारा दोबारा पूछा गया कि जब सब कुछ तहस-नहस हो गया है, उसके बाद भी हमारे यहां श्रीलंका की तरह मंदी क्यों नहीं आएगी?
तहसीन पूनावाला इसके जवाब में कहते हैं कि यह रिपोर्ट इसलिए भारत में मंदी नहीं बता रही है क्योंकि इंपोर्ट और एक्सपोर्ट के बीच एक बड़ा अंतर है। जानकारी के लिए बता दें कि देश में बढ़ती महंगाई के विषय पर विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमले कर रहा है। संसद में भी विपक्ष सरकार को गिरते हुए कई तरह के सवाल रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार महंगाई के मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहती है।