कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो में राकेश टिकैत एसी वाले टेंट में सोते हुए नजर आ रहे हैं। इसी पर कई यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। ट्रोल कर रहे लोगों को जवाब देते हुए पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा कि ये कैसी घटिया सोच है? एसी में बैठा आदमी किसान नहीं हो सकता क्या?
राकेश टिकैत के सपोर्ट में ट्वीट करते हुए उन्होंने आगे लिखा कि, ‘अरे यही किसान हैं जिनकी वजह से भारत को ‘सोने की चिड़िया’ कहा गया, देश ने पहली समृद्धि कृषकों की मेहनत से ही देखी। उन्होंने किसानों को सुख सुविधाओं का हकदार बताते हुए लिखा कि अगर सभी सुख सुविधाओं का कोई हक़दार है तो वो सिर्फ जवान और किसान है’।
किसानों के प्रति ऐसी सोच पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए लिखा कि, ‘अब कार्पोरेट के लिए बैटिंग कर रहे लोग बताएँगे कि किसान कैसे होने चाहिए? किसान वही जो नंगे पाँव अपने ही खेत में मजदूर की तरह काम करे? किसान वही जो अपनी ही फसल के ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ को तरसे? किसान वही जो ब्याज ना चुका पाने पर आत्महत्या कर ले? ये आपकी किसानों के प्रति सोच’?
उनके इसी ट्वीट पर @mohdfurkan1987 टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि, ‘उनको ऐसे किसान चाहिए जो नंगे फटे कपड़ों में बिना चप्पल पहने हाथ जोड़कर उनके पैरों में पड़े उन्होंने कोई दूसरे किसान देखें है इनको पंजाब हरियाणा पश्चिमी यूपी के किसान नहीं मिले अभी तक’। एक यूजर ने उनका समर्थन करते हुए लिखा कोई इन लोगों में नकारात्मकता भरी है। एसी तो दिख गया पर पॉलिथीन का टेंट नहीं दिखा। जमीन पर पड़े किसान नहीं दिखे। इतनी गर्मी में बैठो तो पता चले।
अब कार्पोरेट के लिए बैटिंग कर रहे लोग बताएँगे कि किसान कैसे होने चाहिए?
किसान वही जो नंगे पाँव अपने ही खेत में मजदूर की तरह काम करे?
किसान वही जो अपनी ही फसल के ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ को तरसे?
किसान वही जो ब्याज ना चुका पाने पर आत्महत्या कर ले?
ये आपकी किसानों के प्रति सोच?
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 27, 2021
@AGulbadan टि्वटर हैंडल से कमेंट करते हुए लिखा गया कि, ‘सरकार और उनके भक्त यह कहना चाह रहे हैं कि जो लोग मजदूरी कर अच्छी गाड़ी अच्छा खाना पीना एसी में रह रहे हैं तो है वह आंदोलन नहीं कर सकते और मुफ्त में रोटी तोड़ रहे हैं बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूम रहे हैं वे आंदोलन कर सकता है’। वहीं एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा कि किसान भीख, दलाली, मुनाफाखोरी ,गुलामी सूदखोरी, जमाखोरी, चाटूकारिता करके नही खाता है, किसान अपनी मेहनत से उगा के खाता है, वह अपने दम पर एसी में भी बैठता है’।