यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा (UP sugarcane minister Suresh Rana) ने अपनी विधानसभा (थानाभवन) के 40 बूथों पर दोबारा मतदान की मांग की थी हालांकि चुनाव आयोग (Election Commission)  ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया है। शामली जिला निर्वाचन अधिकारी जसजीत कौर ने लिखित में कहा कि कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा जो थानाभवन विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी हैं, उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष एक प्रार्थनापत्र दिया था। जिसमें 10 फरवरी 2022 को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में 40 बूथों पर दोबारा मतदान की मांग की गई है।

जसलीन कौर ने लिखा कि ‘इस संबंध में ये अवगत कराना है कि मतदान पूरे जनपद में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से नियमानुसार संपन्न हुआ है। मा. प्रेक्षक महोदय द्वारा भी पूरी मतदान प्रक्रिया को सही पाया गया था। अब पुर्नमतदान की कोई गुंजाइश नहीं है और न ही आवश्यकता’। अब जब गन्ना मंत्री की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया तो सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रिया देने लगे।

रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा कि बाबा के दाहिने हाथ गन्ना मंत्री सुरेश राणा का जूस निकल गया। 40 बूथों पर पुनर्मतदान की माँग की, वह DM ने ख़ारिज कर दी। DM ने भी रंग बदल लिया। पत्रकार दीपक शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि योगी के सबसे करीबी मंत्री सुरेश राणा की ये अर्जी दरअसल सर्टिफिकेट है कि बीजेपी का पश्चिम में खदेड़ा हो गया है। हार से डरे मंत्रीजी कई बूथों पर दोबारा मतदान चाहते थे पर अफसरों ने मना कर दिया। सच ये है कि अफसर भी अब हवा का रूख भांप रहे हैं।

डा. प्रियंका सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि BJP के मंत्री सुरेश राणा जी का 40 बूथों पर दोबारा मतदान कराने की मांग करना उनके हार के डर को दर्शाता है क्योंकि इनके वोट तो कोको ले गई।

बीपी सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि डीएम ने कहा है, चुनाव सही से हुए हैं। तुम इसे शेयर भी कर रहे हो। कल को सपा हारी तो ईवीएम को दोष मत देना। तब भी डीएम की बात मानना, चीफ इलेक्शन आफिसर की भी, ईवीएम 100% सुरक्षित हैं।

वैभव भड़ाना नाम के यूजर ने लिखा कि गन्ना मंत्री का रस निकल गया, अब न वो चूसने लायक बचे न मिल में जाने लायक दोबारा मतदान की मांग उनका हार को स्वीकार करना है।