प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले के खिलाफ विपक्षी पार्टियां प्रदर्शन कर रही है। इसे पहले भारत बंद कहा जा रहा था लेकिन बाद में कई पार्टियों ने इससे अपने कदम पीछे खींच लिए। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि बंद नहीं बुलाया यह जन आक्रोश दिवस है। समाजवादी पार्टी ने कहा कि केवल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा चक्‍काजाम नहीं किया जाएगा। बिहार में सत्‍ताधारी जदयू पहले ही खुद को इससे अलग कर चुकी है। हालांकि उसकी सहयोगी राजद इसमें शामिल है। हालांकि वामपंथी पार्टियों ने पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में बंद का आह‍्वान किया है। लेकिन इसका कोई असर नहीं है। बंगाल में हालात सामान्‍य है। बिहार में लेफ्ट पार्टियों ने दो जगहों पर रेल रोकी। इसके अलावा सामान्‍य कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा।

भाजपा ने भी विपक्षियों को जवाब देने के लिए 28 नवंबर को जन आभार दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इधर सोशल मीडिया पर भी लोग दो धड़ों में बंटे हुए नजर आ रहे हैं। कुछ लोगों ने बंद का समर्थन किया है। लेकिन कुछ लोग इसके विरोध में है। इसके चलते रविवार (28 नवंबर) को रात को ‘चोरों की बारात’ हैशटैग ट्रैंड कर रहा था। इस पर काफी ट्वीट किए गए। इसके अलावा कई यूजर्स ने बंद का विरोध करने की अपील भी की। इसके लिए कहा गया कि जो लोग बंद के खिलाफ हैं वे अपनी दुकानों के बाहर लिखें कि वे बंद का समर्थन नहीं करते।

टि्वटर के अलावा फेसबुक और व्‍हॉटसएप पर भी इस तरह के मैसेज फॉरवर्ड किए गए। इनमें कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने को भी कहा गया। सोमवार को टि्वटर पर #JanAkroshDiwas और Bharat Bandh नाम से दो ट्रैंड चल रहे थे। हालांकि बंद का विरोध करने वालों में से ज्‍यादातर लोग भाजपा के कार्यकर्ता ही है। लेकिन कुछ अन्‍य लोगों ने भी इसका विरोध किया है।

https://twitter.com/imRo450/status/803099123792625664