केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी सोशल मीडिया ने हिन्दी दिवस के मौके पर बधाई दी है। अपने ट्वीट में स्मृति ने लिखा, ”हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आइए हम सब हिन्दी भाषा के संरक्षण के प्रति जागरूकता प्रचारित करने का प्रण लें।” इसके साथ उन्होंने एक एक ग्रीटिंग कार्ड भी शेयर किया, जिसमें लिखा था, ”हिन्दी दिवस पर सभी हिन्दी भाषीयों को बधाई।” अगर आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि इसका एक शब्द (भाषीयों) गलत लिखा हुआ है, इसका सही वर्तनी ‘भाषियों’ होना चाहिए। स्मृति के इस ट्वीट पर लोगों ने उनकी खिंचाई शुरू कर दी। स्मृति ईरानी के इस कार्ड को ट्वीट करने के कुछ ही देर बाद दिनेश नीरव नाम के यूजर ने इसकी तरफ ध्यान दिलाया। उन्होंने एक मंत्री द्वारा गलत हिन्दी लिखे जाने पर निराशा भी जताई। उन्होंने लिखा- ”अपने कार्ड में “भाषियों” आप ने गलत (भाषीयों) लिखवा दिया है। मंत्री यदि ऐसा करेंगे तो अन्य से क्या उम्मीद होगी।” वहीं, संगम नाम के यूजर ने लिखा- ”हिंदी दिवस पर भी आप (स्मृति ईरानी) संरक्षण की बात कर रही हैं ना कि प्रसार करने की। यही देश का दुर्भाग्य है।” स्मृति, नरेंद्र मोदी सरकार में दो वर्ष तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय संभाल चुकी हैं। दो वर्ष पूरे होने के बाद पहले मंत्रिमंडल विस्तार में प्रधानमंत्री मोदी ने ईरानी को एचआरडी से हटाकर कपड़ा मंत्रालय सौंप दिया था।
स्मृति और विवादों का नाता कोई नया नहीं है। कभी अपने बयानों को लेकर, तो कभी विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के नेताओं से जुबानी बहस के चलते स्मृति विवादों में फंसती रही हैं। चर्चा थी कि स्मृति ईरानी को मानव संसाधन मंत्रालय से इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने कैबिनेट के अपने अधिकतर साथियों से दूरी बना ली थी। यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय में एचआरडी मंत्रालय का काम देखने वाले अफसरों से भी सीधे मुंह बात नहीं करती थीं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी स्मृति के अक्खड़पन से नाराज थे। इसके अलावा देश के नामी विश्वविद्यालयों से उनके रिश्ते मधुर नहीं रहे। एचआरडी मंत्री पद से हटाए जाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(एएमयू) के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) जमीरुद्दीन शाह ने कहा था कि स्मृति ईरानी को मानव संसाधन मंत्री के रूप में वाइस चांसलर्स के प्रति और अधिक सम्मान दिखाना चाहिए था।
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https://twitter.com/smritiirani/status/775986458586775552
जी, अपने कार्ड में "भाषियों" आप ने गलत (भाषीयों) लिखवा दिया है. मंत्री यदि ऐसा करेंगे तो अन्य से क्या उम्मीद होगी. #हिंदीदिवस
— Dinesh Neerav (@DineshNeerav) September 14, 2016
हिन्दी दिवस की बधाई में भी त्रुटि। 'भाषियों' होना चाहिए।
— Kushagra Singh (@KushagraTweeter) September 14, 2016
please check banner photo tweeted by you.
— Develop India Group (DIG) (@dig_2019) September 14, 2016
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Keeping Hindi as Sole Official Language means Hindi is imposed on the Non-Hindi people. #GOIMakeMyLanguageOfficial
— ಗುರುಬಸವಾರ್ಯ (@Gurubasavarya) September 14, 2016
@PMOIndia when will u celebrate other languages equally, u need our tax to promote only hindi? shame #GOIMakeMyLanguageOfficial
— ಗುರುಬಸವಾರ್ಯ (@Gurubasavarya) September 14, 2016