पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नुसरत मिर्जा ने हाल में ही दावा किया था कि वे कांग्रेस के शासनकाल के समय कई बार भारत आए थे। इस दौरान उन्होंने कई खुफिया जानकारी यहां पर आकर जुटाई थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यकाल में उन्हें कई बार भारत आने का न्यौता मिला था। इसी विषय पर हो रही टीवी डिबेट के दौरान राजनीतिक विश्लेषक शुभ्रस्‍था और कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा के बीच बहस हो गई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।

दरअसल, यह टीवी डिबेट ‘एबीपी’ न्यूज़ चैनल पर हो रही थी। इस दौरान अलका लांबा शुभ्रस्‍था पर कटाक्ष करते हुए उन्हें बार-बार फ्रिंज एलिमेंट कहने लगीं। इस बात पर भड़क कर शुभ्रस्‍था शो छोड़कर चली गईं। उन्होंने डिबेट छोड़कर जाते हुए कहा कि वह इस महिला के साथ डिबेट नहीं कर सकती, जो इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रही हो। बता दें कि शुभ्रस्‍था ने लाइव डिबेट के दौरान यह भी कहा कि वह किसी रैली में नहीं आई हैं, अगर मुझे पता होता कि यह इस डिबेट में हैं तो मैं बिल्कुल भी नहीं आती।

एंकर ने कही बात : शुभ्रस्‍था के शो छोड़कर चले जाने के एंकर रुबिका लियाकत ने कहा कि अलका लांबा की ओर से कोई भी व्यक्तिगत टिप्पणी आप पर नहीं की गई है। इसके साथ उन्होंने कहा कि अलका लांबा शुभ्रस्‍था द्वारा उठाए गए मुद्दों पर काउंटर किया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने आप पर व्यक्तिगत टिप्पणी की है।

अलका लांबा ने शेयर किया वीडियो : कांग्रेस प्रवक्ता ने अपनी सोशल मीडिया हैंडल से शुभ्रस्‍था के डिबेट छोड़कर जाने का वीडियो शेयर करते हुए कमेंट किया, ‘ भाजपा की फ्रिंज एलिमेंट। मेरे सवालों से बौखला कर बिना जवाब दिए चर्चा बीच में छोड़कर भागी।’ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो पर कुछ लोग अलका लांबा का समर्थन करते हैं नजर आ रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने उन पर तंज भी कसा है।

शुभ्रस्‍था ने यूं किया पलटवार : शुभ्रस्‍था ने अपने टि्वटर हैंडल से पलटवार कर लिखा कि अलका लांबा जैसी हल्की और बदतमीज प्रवक्ताओं के साथ बहस करना संभव नहीं है। उन्होंने अलका लांबा के साथ हुई पिछली डिबेट का जिक्र करते हुए कहा कि आज इस उम्मीद में आई थी कि इसे रैली और डिबेट का अंतर पता चला होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में अच्छे नेता नहीं है लेकिन जिन छटें हुए लोगों को वह भेजती है। उसका विरोध, उनकी बदतमीजी को बर्दाश्त नहीं करके ही संभव है।