चीन के शंघाई के एक रेस्तरां की इनदिनों खूब आलोचना की जा रही है। 480 युआन यानि 5,500 रुपये की कीमत पर हाफ प्लेट चिकन बेचने के लिए रेस्तरां की आलोचना हो रही है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने रिपोर्ट के अनुसार आलोचनाओं का जवाब देते हुए रेस्तरां की ओर से दावा किया गया है कि उक्त पक्षी को क्लासिकल म्यूजिक सुनाकर पाला गया था और उसे दूध पिलाया गया था।
डिश की कीमत देखकर चौंक गए
14 मार्च को, 270,000 फ़ॉलोअर्स वाले एक बिजनेस मैन और इंफ्लूएंसर ने शंघाई क्लब रेस्तरां में अपनी यात्रा का एक वीडियो पोस्ट किया, जहां वो डिश की कीमत देखकर चौंक गए। उन्होंने कर्मचारियों से चिकन की ऊंची के बारे में पूछा। उन्होंने मजाक में ही पूछा कि क्या इसे “संगीत सुनते और दूध पीते हुए” पाला गया था।
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हालांकि, जवाब से वे दंग रह गए। रेस्तरां के कर्मचारियों ने बताया कि वो बिल्कुल सही सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि उक्त चिकन एक दुर्लभ नस्ल का है जिसे “सूरजमुखी चिकन” के रूप में जाना जाता है। इन्हें विशेष रूप से ग्वांगडोंग प्रांत के एक खेत से प्राप्त किया जाता है।
इस वजह से मशहूर के सूरजमुखी चिकन
फार्म के ऑनलाइन डिटेल के अनुसार, सूरजमुखी चिकन को ऐसा आहार खिलाया जाता है जिसमें सूरजमुखी के तने और मुरझाए हुए फूलों के सिर से निकाला गया रस शामिल होता है। यह तीन-पीले रंग की मुर्गी की नस्ल है, जिसे सम्राट मुर्गी भी कहा जाता है, जो अपनी कोमल बनावट और भरपूर स्वाद के लिए मिशेलिन-तारांकित शेफ के बीच लोकप्रिय है।
हालांकि, सूरजमुखी चिकन को और भी प्रीमियम माना जाता है, जिसकी कीमत कथित तौर पर 200 युआन (₹2,300) प्रति किलोग्राम से अधिक है, जबकि रेस्तरां में एक पूरे पक्षी की कीमत 1,000 युआन (₹11,500) से अधिक है।
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स्थानीय मीडिया द्वारा आगे पूछे जाने पर, सूरजमुखी मुर्गी फार्म के एक कर्मचारी ने स्पष्ट किया कि मुर्गियों को क्लासिकल म्युजिक सुनने को मिलता है, लेकिन उन्हें वास्तव में दूध नहीं पिलाया जाता है। हालांकि, इंफ्लूएंसर इस व्यंजन के लिए 480 युआन का भुगतान करने को तैयार था, लेकिन उसने भ्रामक दावों पर निराशा व्यक्त की।
यूजर्स ने कैसे किया रिएक्ट?
उसने कर्मचारियों से कहा, “मैं कीमत स्वीकार कर सकता हूं, लेकिन मनगढ़ंत कहानियां नहीं।” यह घटना तेजी से वायरल हुई, जिससे ऑनलाइन एक चर्चा का दौर शुरू हो गया। एक यूजर ने टिप्पणी की, “प्रोडक्ट को बेचने के लिए कोई कितनी अजीब कहानियां गढ़ सकता है, यह आश्चर्यजनक है।”
एक अन्य ने सुझाव दिया कि इस तरह की मूल्य निर्धारण रणनीति शंघाई के धनी ग्राहकों का शोषण करती है, “चीन के कम विकसित क्षेत्रों से कोई भी व्यक्ति किसी डिश का एक छोटा हिस्सा ले सकता है और उसे शंघाई के लोगों को बहुत अधिक कीमत पर आसानी से बेच सकता है।”