Emotional Viral Video: सोशल मीडिया पर इनदिनों एक दिल छू लेने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो बेंगलुरु के बिशप कॉटन स्कूल का एक इमोशनल मोमेंट को दिखाता है, जहां एक चपरासी 38 साल की सेवा के बाद आखिरी बार घंटी बजाते हैं। घंटी की आवाज स्कूल परिसर में गूंजती है, छात्रों और दर्शकों, दोनों के दिलों में गहराई से उतरती है और स्कूल कैंपस से परे एक इमोशनल इफेक्ट छोड़ती है।
19 मिलियन से ज्यादा बार देखा गया वीडियो
इंस्टाग्राम यूजर amikutty_ द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो को 19 मिलियन से ज़्यादा बार देखा जा चुका है। यह उस इमोशनल पल को कैद करता है जब दास अंकल, एक प्रिय और लंबे समय से सेवारत चपरासी, आखिरी बार स्कूल की घंटी बजाते हैं। यह करते समय उनके चेहरे पर मिक्स्ड इमोशनल और एक सौम्य मुस्कान झलकती है। जैसे ही घंटी बजती है, छात्र तालियों और जयकारों से इसका जवाब देते हैं, जिससे एक बेहद टचिंग और अविस्मरणीय दृश्य बनता है।
पोस्ट का कैप्शन है, “38 साल बाद, दास अंकल ने अपनी आखिरी घंटी बजाई। वो शख्स जिसने कॉटन्स स्कूल की हर सुबह, हर याद को अपने में समेटे रखा। उनकी मुस्कान, उनका शांत समर्पण, उनकी उपस्थिति – ये सब स्कूल की धड़कन का हिस्सा थे। आज, जब उन्होंने अपनी आखिरी घंटी बजाई, हम उनका जश्न मना रहे हैं। वो अंकल जिन्होंने समय को भी अपना सा एहसास कराया।”
यहां देखें वायरल वीडियो –
इस वीडियो ने स्कूल की दीवारों के पार भी लोगों के दिलों को छुआ और हजारों दर्शकों को ऑनलाइन प्रभावित किया। टिप्पणियों में, कई लोगों ने अपने स्कूल के दिनों के गुमनाम नायकों की हार्टफेल्ट मेमोरीज शेयर कीं, और बताया कि कैसे चपरासियों और गार्डों के शांत समर्पण ने एक अमिट छाप छोड़ी। उनकी सेवा के साधारण कार्य, जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, कई लोगों के बचपन का एक अविस्मरणीय हिस्सा बन गए।
सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रिया
इंस्टाग्राम यूजर्स ने हार्दिक शुभकामनाओं के साथ कमेंट की बाढ़ ला दी, यह व्यक्त करते हुए कि कैसे “दास अंकल” जैसे लोग हमारे जीवन पर एक अमिट छाप छोड़ते हैं। दास अंकल के बेटे ने एक भावुक कमेंट शेयर की, जिसमें कहा गया कि उनके पिता दशकों से “स्कूल की धड़कन” थे।
उन्होंने आगे कहा, “उनके द्वारा बजाई गई हर घंटी एक वादा पूरा होने का संकेत थी — यह संकेत कि समय सुरक्षित रूप से बीत जाएगा, बदलाव समय पर आ रहा है, और कोई जिम्मेदार व्यक्ति हमेशा हम पर नजर रख रहा है। उन्होंने सिर्फ समय का ध्यान नहीं रखा; उन्होंने बाकियों के लिए निश्चितता लाने के लिए अपना समय कुर्बान कर दिया। अब, उनके लिए आखिरी घंटी बज चुकी है, और अब उनके सुकून का समय आ गया है। आपसे बहुत प्यार करता हूं, पापा।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “अभी-अभी एहसास हुआ कि हजारों दास अंकल ने पूरे भारत में अपनी आखिरी घंटियां बजाईं, बिना देखे, बिना किसी परवाह के, बिना किसी स्तुति के!! बधाई हो, आप निश्चित रूप से भाग्यशाली हैं। स्कूल प्रबंधन और सभी स्कूली बच्चों को उनके लिए इस दिन को इतना खास बनाने के लिए धन्यवाद!”